नींद के दौरान मस्तिष्क न्यूरॉन्स रक्त शर्करा को कैसे नियंत्रित करते हैं
द्वारा संपादित: Maria Sagir
आम धारणा के विपरीत, हमारा शरीर नींद के दौरान पूरी तरह से निष्क्रिय नहीं होता है। बल्कि, यह महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को अंजाम देता है। हालिया शोध ने हाइपोथैलेमस में विशिष्ट न्यूरॉन्स की पहचान की है जो नींद के दौरान रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगस्त 2025 में 'मॉलिक्यूलर मेटाबॉलिज्म' जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे ये न्यूरॉन्स हमारे चयापचय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
यह शोध वेंट्रोमेडियल न्यूक्लियस ऑफ द हाइपोथैलेमस (VMH) नामक क्षेत्र में स्थित न्यूरॉन्स के एक विशेष समूह पर केंद्रित है। यह क्षेत्र नींद, भूख और शरीर के तापमान जैसे बुनियादी शारीरिक कार्यों के लिए जिम्मेदार है। अध्ययन में पाया गया कि ये न्यूरॉन्स, जिन्हें VMH Cckbr न्यूरॉन्स के रूप में जाना जाता है, नींद के शुरुआती घंटों के दौरान वसा-जलाने (lipolysis) की प्रक्रिया को सक्रिय करते हैं। यह क्रिया मस्तिष्क और शरीर को रात भर ऊर्जा की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है, खासकर जब हम उपवास की अवधि में होते हैं। वसा के टूटने से ग्लिसरॉल उत्पन्न होता है, जिसे शरीर शर्करा में परिवर्तित कर सकता है। चूहों पर किए गए प्रयोगों में, इन विशिष्ट न्यूरॉन्स को सक्रिय करने से ग्लिसरॉल के स्तर में वृद्धि देखी गई, जो इस प्रक्रिया की पुष्टि करता है।
डॉ. एलिसन एफिनाटी, जो इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली टीम का हिस्सा थीं, बताती हैं कि ये न्यूरॉन्स "नींद के पहले चार घंटों के दौरान यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके पास पर्याप्त ग्लूकोज हो ताकि आप रात भर हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) का शिकार न हों।" यह तंत्र शरीर को रात भर ऊर्जावान बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस खोज के महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं, खासकर प्री-डायबिटीज जैसे चयापचय संबंधी विकारों को समझने में। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्री-डायबिटीज वाले व्यक्तियों में, ये हाइपोथैलेमिक न्यूरॉन्स अतिसक्रिय हो सकते हैं, जिससे रात में वसा का अधिक टूटना होता है और परिणामस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
यह शोध इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि नींद की गुणवत्ता रक्त शर्करा के नियंत्रण को कैसे प्रभावित करती है। अध्ययनों से पता चला है कि गहरी नींद के दौरान उत्पन्न होने वाली मस्तिष्क तरंगें, जैसे कि स्लीप स्पिंडल और स्लो वेव, अगले दिन इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकती हैं। इसके विपरीत, खराब नींद की गुणवत्ता या नींद के पैटर्न में विचलन रक्त शर्करा के स्तर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह समझ हमें अपने शरीर की आंतरिक लय और नींद के महत्व को गहराई से जानने का अवसर देती है। यह खोज चयापचय संबंधी विकारों के लिए नए चिकित्सीय दृष्टिकोणों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। यह हमें सिखाता है कि कैसे हमारे शरीर की प्रणालियाँ अविश्वसनीय रूप से परिष्कृत तरीके से काम करती हैं, और कैसे नींद जैसी बुनियादी प्रक्रियाएं हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस ज्ञान के साथ, हम अपने शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने और उन्हें समर्थन देने के लिए सशक्त होते हैं, जिससे बेहतर चयापचय स्वास्थ्य की ओर एक सचेत कदम बढ़ाया जा सके।
स्रोतों
Pravda.sk
Your brain works overtime at night to burn fat and prevent sugar crashes
Brain neurons are responsible for day-to-day control of blood sugar
Hypothalamic neurons help maintain blood sugar during daily activities
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