खगोलविदों ने लगभग 930 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक दूर की आकाशगंगा में 15 सघन तारा निर्माण गुच्छों की पहचान की है। यह खोज प्रारंभिक आकाशगंगाओं के विकास को समझने में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित शोध के अनुसार, इस आकाशगंगा की डिस्क के भीतर कम से कम 15 विशाल तारा निर्माण गुच्छे मौजूद हैं, जो ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में चमकीले, रेशेदार अंगूरों की तरह दिखाई देते हैं। इस आकाशगंगा का अवलोकन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और ALMA टेलीस्कोप का उपयोग करके किया गया था, जिसमें गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग विधि का प्रयोग किया गया। यह विधि RXCJ0600-2007 नामक एक निकटवर्ती आकाशगंगा का उपयोग करके दूर की वस्तुओं को बड़ा करती है।
यह खोज ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास की प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करती है। वैज्ञानिकों ने पहली बार आकाशगंगाओं की आंतरिक छोटी संरचनाओं और उनके समग्र द्रव्यमान संचय के बीच एक स्पष्ट संबंध स्थापित किया है, जिसमें उनके सघन तारा निर्माण गुच्छे और उनका सामान्य अभिविन्यास शामिल है। यह बताता है कि कई आकाशगंगाएँ, जो पहले चिकनी दिखाई देती थीं, वास्तव में इसी तरह के छिपे हुए गुच्छों से भरी हो सकती हैं। यह सुझाव देता है कि तारा निर्माण की प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक संरचित हो सकती है। गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग, जिसमें एक विशाल वस्तु प्रकाश के पथ को मोड़ती है, इस खोज में महत्वपूर्ण रही है, जिससे खगोलविदों को अरबों प्रकाश वर्ष दूर की आकाशगंगाओं को अभूतपूर्व विस्तार से देखने में मदद मिली है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) और अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर ऐरे (ALMA) जैसे उन्नत दूरबीनों के संयोजन ने इस दूर की आकाशगंगा, जिसे 'कॉस्मिक ग्रेप्स' उपनाम दिया गया है, की जटिल आंतरिक संरचना को उजागर किया है। यह आकाशगंगा, जो बिग बैंग के लगभग 930 मिलियन वर्ष बाद अस्तित्व में आई थी, में 15 से अधिक सघन, तारा-निर्माण करने वाले गुच्छे पाए गए हैं, जो एक घूर्णन डिस्क में व्यवस्थित हैं। यह संख्या वर्तमान सैद्धांतिक मॉडलों की अपेक्षा से कहीं अधिक है, जो प्रारंभिक ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के विकास की जटिलता को दर्शाती है।