स्पेन इस समय अपने दो दशकों के सबसे गंभीर अग्नि संकट का सामना कर रहा है। लगातार 16 दिनों तक चली भीषण गर्मी की लहर, जिसमें तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया, ने इस विनाशकारी स्थिति को जन्म दिया है। 18 अगस्त, 2025 तक, गैलिसिया, कैस्टिल और लियोन, और एक्स्ट्रीमादुरा जैसे क्षेत्रों में 40 से अधिक सक्रिय आग के मोर्चे सक्रिय थे। इन विनाशकारी आग ने 344,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि को अपनी चपेट में ले लिया है, जो 2022 के पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया है।
12 अगस्त से 31,000 से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है, जो समुदायों के लिए तत्काल खतरे को दर्शाता है। ऐतिहासिक 'कैमिनो डी सैंटियागो' तीर्थयात्रा मार्ग भी इस आग से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहाँ आग की लपटों के कारण 50 किलोमीटर का एक हिस्सा बंद कर दिया गया है। आग से लड़ने के प्रयासों में 1,900 सैनिक और 50 विमान शामिल हैं, जिन्हें यूरोपीय नागरिक सुरक्षा तंत्र के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहायता भी प्राप्त हो रही है।
स्पेनिश अधिकारियों, जिनमें रक्षा मंत्री मार्गारीटा रोबल्स भी शामिल हैं, ने आग की तीव्रता को सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से जोड़ा है। उन्होंने बताया कि यह गर्मी की लहर 1975 के बाद तीसरी सबसे गर्म रही है। हालांकि ठंडी हवाओं के आने की उम्मीद है, लेकिन नई आग लगने का खतरा बना हुआ है, जिसके कारण निरंतर सतर्कता और सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है।
यूरोपीय संघ के नागरिक सुरक्षा तंत्र (EU Civil Protection Mechanism) ने इस ग्रीष्तकालीन अग्नि मौसम में अब तक 16 बार सक्रियण देखा है, जो 2024 के पूरे मौसम के बराबर है। स्पेन ने पहली बार इस तंत्र का उपयोग आग से निपटने के लिए किया है, जिसके तहत फ्रांस से दो रेस्क्यू विमान तैनात किए गए हैं। नीदरलैंड्स से भी दो चिनूक हेलीकॉप्टर और 60 सैन्य कर्मियों को सहायता के लिए भेजा गया है। इन प्रयासों के बावजूद, स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसमें गैलिसिया, कैस्टिल-लियोन और अन्य क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण लंबे समय तक चलने वाले सूखे, उच्च तापमान और अप्रत्याशित मौसम पैटर्न आग के खतरों को बढ़ा रहे हैं। 2025 में, स्पेन में अब तक 158,000 हेक्टेयर भूमि जल चुकी है, जो सामान्य से काफी अधिक है। यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उपेक्षा और भूमि के परित्यक्त होने से और भी गंभीर हो गई है, जिससे आग को फैलने के लिए अधिक ज्वलनशील सामग्री मिल रही है। इन आग के कारण न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है, बल्कि पर्यटन और कृषि जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।