पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका इस समय एक गंभीर गर्मी की लहर की चपेट में था, जिसके कारण कई राज्यों में तापमान 100°F (37.8°C) से ऊपर चला गया था। 22 अगस्त को, पोर्टलैंड, ओरेगन में 102°F (38.9°C) का रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया, जिसने 1942 के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह अभूतपूर्व गर्मी न केवल लोगों के लिए असहनीय थी, बल्कि इसने जंगल की आग के खतरों को भी काफी बढ़ा दिया था।
सूखी परिस्थितियों और अत्यधिक तापमान के मेल ने पूरे क्षेत्र में आग लगने और तेजी से फैलने के लिए एक आदर्श वातावरण तैयार कर दिया था। कैलिफोर्निया और ओरेगन में कई जंगल की आग सक्रिय थीं और फैल रही थीं, जिसके कारण स्थानीय निवासियों को अपने घरों को खाली करना पड़ रहा था। कैलिफोर्निया के नापा काउंटी में पिकेट फायर और ओरेगन में फ्लैट फायर विशेष रूप से चिंता का विषय बनी हुई थीं, क्योंकि ये आग तेजी से बढ़ रही थीं और इन्हें नियंत्रित करने के प्रयास चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे थे।
पिकेट फायर, जो 21 अगस्त को नापा काउंटी में शुरू हुई, 24 अगस्त तक 6,800 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैल चुकी थी और केवल 11% ही नियंत्रित थी। इस आग ने लगभग 500 संरचनाओं को खतरे में डाल दिया था, जिसके कारण लगभग 190 लोगों को अपने घरों से निकलने का आदेश दिया गया था, जबकि 360 लोग निकासी की चेतावनी के तहत थे। आग बुझाने के लिए 1,230 से अधिक अग्निशामक, 10 हेलीकॉप्टर और एयर टैंकर तैनात किए गए थे। आग लगने का कारण अभी भी जांच के दायरे में था।
इसी तरह, ओरेगन में फ्लैट फायर, जो 21 अगस्त को शुरू हुई, 24 अगस्त तक लगभग 21,971 एकड़ तक फैल गई थी और इसमें कोई नियंत्रण नहीं था। इस आग ने लगभग 4,000 घरों को खतरे में डाल दिया था, और लगभग 10,000 लोगों को निकासी नोटिस के तहत रखा गया था। आग की स्थिति को देखते हुए, अग्निशमन दल कठिन इलाकों और गर्म, शुष्क मौसम का सामना कर रहे थे। इस आग ने ओरेगन के जंगल की आग के मौसम में एक नाटकीय मोड़ ला दिया था।
यह गर्मी की लहर केवल आग तक ही सीमित नहीं थी। पोर्टलैंड में 22 अगस्त को दर्ज किया गया 102°F का तापमान न केवल एक रिकॉर्ड था, बल्कि इसने शहर में गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को भी उजागर किया। इस घटना के दौरान, हुड टू कोस्ट रिले दौड़ में कम से कम एक धावक बेहोश हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कुल मिलाकर, इस दौड़ से संबंधित छह गर्मी से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने की घटनाएं सामने आईं, जिससे पता चलता है कि अत्यधिक गर्मी का मानव स्वास्थ्य पर कितना गंभीर प्रभाव पड़ रहा था। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभाव का एक स्पष्ट संकेत थी, जो इस तरह की चरम मौसम की घटनाओं को अधिक लगातार और तीव्र बना रहा है।