बंजर द्वीप ज्वालामुखी: भारत का सक्रिय ज्वालामुखी सितंबर 2025 में फिर गरजा

द्वारा संपादित: Tetiana Martynovska 17

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित बंजर द्वीप (Barren Island) ज्वालामुखी ने सितंबर 2025 में दो बार अपनी सक्रियता दिखाई है। यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है और पोर्ट ब्लेयर से लगभग 140 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में अंडमान सागर में स्थित है। 13 सितंबर और 20 सितंबर 2025 को हुए इन विस्फोटों में राख और गैसें निकलीं, हालांकि इनसे आसपास के पर्यावरण या स्थानीय आबादी पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।

बंजर द्वीप, जिसका कुल क्षेत्रफल 8.34 वर्ग किलोमीटर है, एक महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक स्थल है। यह ज्वालामुखी गतिविधि से बना है और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक प्रमुख केंद्र है। यह द्वीप इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट और बर्मा प्लेट के मिलन बिंदु पर स्थित है, जो इसे भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियों के प्रति संवेदनशील बनाता है। इस क्षेत्र में 2004 की सुनामी को जन्म देने वाली फॉल्ट लाइन भी मौजूद है, जो इस ज्वालामुखी की भूवैज्ञानिक महत्ता को और बढ़ाती है।

बंजर द्वीप ज्वालामुखी का इतिहास 1787 से दर्ज है। इसके बाद 1991, 2005, 2017, और 2022 में भी विस्फोट दर्ज किए गए हैं। हालिया सितंबर 2025 के विस्फोट इस श्रृंखला की नवीनतम कड़ियां हैं। ये विस्फोट हालांकि छोटे पैमाने के थे, लेकिन वैज्ञानिक इस क्षेत्र की गहरी भूगर्भीय गतिविधियों को समझने के लिए इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। 20 सितंबर के विस्फोट से ठीक दो दिन पहले इस क्षेत्र में 4.2 तीव्रता का भूकंप भी आया था, जो इस क्षेत्र की सक्रिय टेक्टोनिक्स की ओर इशारा करता है।

वैज्ञानिकों के लिए बंजर द्वीप एक 'जीवित प्रयोगशाला' के समान है, जहाँ वे प्लेट टेक्टोनिक्स और ज्वालामुखी विज्ञान का अध्ययन करते हैं। इस द्वीप से प्राप्त जानकारी पृथ्वी की आंतरिक संरचना और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करती है। इसके अलावा, इस ज्वालामुखी की गतिविधि से निकलने वाले खनिज युक्त पानी के आसपास समुद्री जीवन, जैसे मूंगा चट्टानें और विभिन्न प्रकार की मछलियां, पनपती हैं, जो इसे एक अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रदान करता है।

प्रशासन द्वारा इस ज्वालामुखी की निरंतर निगरानी की जा रही है और पर्यटकों व स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं ताकि जनता और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह ज्वालामुखी भारत की गतिशील भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है, जो प्रकृति की अदम्य शक्ति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है।

स्रोतों

  • IBC24 News : Chhattisgarh News, Madhya Pradesh News, Chhattisgarh News Live , Madhya Pradesh News Live, Chhattisgarh News In Hindi, Madhya Pradesh In Hindi

  • Navbharat Times

  • Aaj Tak

  • ABP Live

  • Prarang

  • Press Information Bureau

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