अलास्का के जूनो शहर में मेंडेनहॉल ग्लेशियर के सुसाइड बेसिन से पानी का रिसाव शुरू हो गया है, जिससे मेंडेनहॉल नदी के किनारे बाढ़ आने की आशंका बढ़ गई है। अधिकारियों ने मंगलवार देर रात से बुधवार तक बाढ़ के चरम पर पहुंचने की उम्मीद जताई है। इस खतरे को देखते हुए, निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। यह घटना, जिसे ग्लेशियर आउटबर्स्ट फ्लड या जॉकुलह्लौप (jökulhlaup) के रूप में जाना जाता है, तब होती है जब ग्लेशियर द्वारा रोके गए पानी का दबाव ग्लेशियर की क्षमता से अधिक हो जाता है। 2011 से ही जूनो के लिए यह एक चिंता का विषय रहा है, क्योंकि सुसाइड बेसिन से पानी का निकलना और मेंडेनहॉल झील व नदी में उसका प्रवाह कई बार भारी संपत्ति क्षति का कारण बना है। विशेष रूप से, 2023 और 2024 में रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ देखी गई, जिसमें 2024 में नदी का जलस्तर 15.99 फीट तक पहुंच गया था, जो पिछले वर्ष के रिकॉर्ड से लगभग एक फुट अधिक था। इस वर्ष बाढ़ का स्तर 16.3 से 16.8 फीट तक पहुंचने का अनुमान है।
इस आसन्न खतरे से निपटने के लिए, नदी के किनारों पर एक अस्थायी तटबंध प्रणाली स्थापित की गई है। इस प्रणाली का उद्देश्य पिछले वर्ष के समान बाढ़ स्तरों के प्रभाव को कम करना है। पिछले साल की बाढ़ ने लगभग 300 घरों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे इस वर्ष और भी अधिक सावधानी बरती जा रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों के पिघलने की दर तेज हो गई है, जिससे सुसाइड बेसिन जैसे ग्लेशियर-बाधित झीलों से पानी के अचानक निकलने की घटनाएं बढ़ रही हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहने की उम्मीद है जब तक मेंडेनहॉल ग्लेशियर बेसिन को सील करता रहता है, जो अगले 25 से 60 वर्षों तक जारी रह सकता है। जूनो में इस प्रकार की बाढ़ की घटनाओं का अध्ययन और जोखिमों को कम करने के लिए विस्तृत परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें भविष्यवाणी और चेतावनी प्रणालियों को बेहतर बनाना शामिल है। इन अध्ययनों से प्राप्त जानकारी का उपयोग अलास्का और संभवतः अन्य क्षेत्रों के अन्य बाढ़-प्रवण ग्लेशियरों पर भी लागू किया जाएगा। अधिकारियों ने निवासियों से आग्रह किया है कि वे स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी की गई चेतावनियों पर ध्यान दें और यदि आवश्यक हो तो सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। मेंडेनहॉल ग्लेशियर आगंतुक केंद्र और आसपास के कुछ रास्ते अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि प्राकृतिक घटनाएं अप्रत्याशित हो सकती हैं और हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।