यूरोप में पड़ रही भीषण गर्मी और तेज हवाओं के कारण ग्रीस इस समय जंगल की आग की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। इन आग की घटनाओं ने व्यापक विनाश किया है और बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर किया है, खासकर पश्चिमी शहर पत्रास के आसपास के इलाकों में। आग की लपटें पत्रास के बाहरी इलाकों तक पहुँच गई हैं, जिसके चलते एक बच्चों के अस्पताल और कई आवासीय क्षेत्रों को खाली कराना पड़ा है। अखाया क्षेत्र में, पिछले दो दिनों में ही लगभग 10,000 हेक्टेयर भूमि आग की चपेट में आ चुकी है, और कई घर और व्यवसाय नष्ट हो गए हैं। ग्रीस की यह स्थिति पूरे दक्षिणी यूरोप में चरम मौसम की घटनाओं के बड़े पैटर्न का हिस्सा है। तापमान खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है, जिससे पूरे महाद्वीप में आग लगने का खतरा बढ़ गया है। स्पेन और इटली जैसे देश भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी के अनुसार, यूरोप में पिछले कुछ दशकों में सूखा, जंगल की आग, हीटवेव, तूफान और भारी बारिश जैसी चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। जलवायु परिवर्तन के कारण ये घटनाएँ और भी तीव्र और लगातार हो रही हैं। 2025 में, यूरोप में जंगल की आग से 400,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जो मौसमी औसत से 87% अधिक है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यदि वैश्विक तापमान बढ़ता रहा, तो आने वाले दशकों में यूरोप में हीटवेव के कारण लाखों अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं। ग्रीस में, लगभग 5,000 अग्निशामकों और 33 विमानों को आग पर काबू पाने के लिए तैनात किया गया है। यूरोपीय संघ ने भी सहायता के लिए आपातकालीन धन और संसाधनों को जुटाया है। हालांकि, इस संकट की भयावहता भविष्य की चुनौतियों को उजागर करती है, क्योंकि तैयारी में महत्वपूर्ण कमियां सामने आई हैं।