अंतरिक्ष की गहराइयों से एक अनोखा मेहमान, धूमकेतु 3I/ATLAS, हमारे सौर मंडल से होकर गुज़र रहा है। यह धूमकेतु, जिसे C/2025 N1 (ATLAS) के नाम से भी जाना जाता है, 1 जुलाई 2025 को ATLAS टेलीस्कोप द्वारा खोजा गया था और यह हमारे सौर मंडल में प्रवेश करने वाला तीसरा ज्ञात अंतरतारकीय पिंड है। 3 अक्टूबर 2025 को, इसने मंगल ग्रह के लगभग 29 मिलियन किलोमीटर (18 मिलियन मील) की दूरी से यात्रा की, जो इस यात्रा के दौरान किसी ग्रह के सबसे करीब था। इस महत्वपूर्ण घटना को नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) सहित कई अंतरिक्ष एजेंसियों ने बारीकी से देखा।
मंगल ग्रह के पास से गुज़रने के बाद, धूमकेतु 3I/ATLAS 29 अक्टूबर 2025 को सूर्य के सबसे करीब (पेरीहेलियन) पहुंचेगा, जो मंगल की कक्षा के अंदर स्थित है। इसके बाद, यह अपनी बाहरी यात्रा जारी रखेगा और 19 दिसंबर 2025 को पृथ्वी के लगभग 270 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुज़रेगा। हालांकि यह धूमकेतु नग्न आंखों से दिखाई नहीं देगा, लेकिन 150-200 मिमी एपर्चर वाले दूरबीनों से इसे देखा जा सकता है। नवंबर 2025 के अंत तक, यह सुबह के आकाश में लगभग 12-13 की परिमाण (magnitude) के साथ दिखाई देने की उम्मीद है।
वैज्ञानिकों के लिए 3I/ATLAS का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह धूमकेतु, जिसका व्यास 0.32 से 5.6 किलोमीटर तक हो सकता है, लगभग 68 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। इसकी अंतरतारकीय उत्पत्ति हमें अन्य तारा प्रणालियों की संरचना और निर्माण प्रक्रियाओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है। 1I/ʻOumuamua (2017) और 2I/Borisov (2019) के बाद, 3I/ATLAS हमें सौर मंडल के बाहर के पिंडों की विविधता को समझने में मदद करता है।
नासा और ईएसए के अंतरिक्ष यान, जैसे कि मंगल ग्रह पर मौजूद ऑर्बिटर , इस दुर्लभ खगोलीय मेहमान का अध्ययन करने के लिए तैयार हैं। ये अवलोकन हमें न केवल धूमकेतु की रासायनिक संरचना और भौतिक गुणों को समझने में मदद करेंगे, बल्कि यह भी संकेत दे सकते हैं कि क्या अन्य तारा प्रणालियों में भी हमारे सौर मंडल के समान ही ग्रह निर्माण के मूल तत्व मौजूद हैं। 3I/ATLAS की यात्रा हमें ब्रह्मांड की विशालता और उसमें छिपे रहस्यों की एक झलक दिखाती है, जो मानवता की जिज्ञासा को और भी प्रज्वलित करती है।