महासागर का श्वसन: गोल्ड कोस्ट पर मछलियों की सामूहिक मृत्यु की जांच और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

द्वारा संपादित: Inna Horoshkina One

गोल्ड कोस्ट के एक प्रतिष्ठित समुद्र तट पर हज़ारों मृत मछलियों का पाया जाना एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसके कारण क्वींसलैंड के अधिकारी गहन जांच में जुट गए हैं। अक्टूबर 2025 की शुरुआत से द स्पिट (The Spit) पर देखी गई इस भयावह सामूहिक मृत्यु ने न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि समुद्री जीव वैज्ञानिकों को भी चिंतित कर दिया है। प्रारंभिक जल गुणवत्ता परीक्षणों में उच्च तापमान और घुली हुई ऑक्सीजन के निम्न स्तर का पता चला है, जो समुद्री जीवन के लिए घातक साबित हो सकते हैं।

समुद्री जीवविज्ञानी डॉ. लियोनार्डो गुइडो, जो ऑस्ट्रेलियाई मरीन कंजर्वेशन सोसाइटी से जुड़े हैं, ने इस घटना पर प्रकाश डाला है। उनका मानना है कि ये कारक, विशेष रूप से हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के महासागरों में दर्ज किए गए रिकॉर्ड-तोड़ उच्च तापमान से और बढ़ गए हैं, संभवतः मछलियों के दम घुटने का मुख्य कारण बने हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि गर्म पानी स्वाभाविक रूप से कम ऑक्सीजन धारण करता है। इसके साथ ही, जब पानी का तापमान बढ़ता है, तो मछलियों की चयापचय दर (metabolic rate) भी बढ़ जाती है, जिससे उन्हें जीवित रहने के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जब पानी में ऑक्सीजन का स्तर उनकी इस बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पाता, तो वे दम घुटने लगती हैं। यह स्थिति, जिसे अक्सर 'ऑक्सीजन की कमी' (hypoxia) कहा जाता है, मछलियों के लिए एक धीमे लेकिन निश्चित अंत का कारण बनती है।

यह घटना ऑस्ट्रेलिया के समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते और विनाशकारी प्रभाव का एक स्पष्ट संकेत है। ऑस्ट्रेलिया के महासागरों में लगातार तापमान बढ़ रहा है, जिससे समुद्री हीटवेव (marine heatwaves) की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हुई है। मानवजनित जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समुद्री हीटवेव ने ऑस्ट्रेलिया में अत्यधिक पानी के तापमान की संभावना को 100 गुना तक बढ़ा दिया है, जिसके महत्वपूर्ण पारिस्थितिक और आर्थिक परिणाम होते हैं। ये हीटवेव समुद्री जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक होती हैं। उदाहरण के लिए, 2024-2025 की शुरुआत में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तट पर एक गंभीर समुद्री हीटवेव के कारण लगभग 30,000 मछलियों की मौत हुई थी। यह घटना भी उच्च तापमान और ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थी, जो गोल्ड कोस्ट की वर्तमान स्थिति से काफी मिलती-जुलती है। इस तरह की घटनाएं ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न हिस्सों में दर्ज की गई हैं, जो समुद्री जैव विविधता के लिए एक बड़े खतरे का संकेत देती हैं।

गोल्ड कोस्ट सिटी काउंसिल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पुष्टि की है कि जल गुणवत्ता परीक्षणों से पता चला है कि पानी तैराकी के लिए सुरक्षित है। हालांकि, उन्होंने सफाई कार्य जारी रहने तक क्षेत्र से बचने की सलाह दी है। परिषद पर्यावरण, पर्यटन, विज्ञान और नवाचार विभाग के साथ मिलकर इस घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से जांच कर रही है। स्थानीय निवासियों ने समुद्र तट पर मृत मछलियों की दुर्गंध और उनके विशाल जमावड़े पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

यह घटना केवल एक पर्यावरणीय संकट नहीं है, बल्कि यह हमें एक गहरे सत्य की ओर भी इशारा करती है: हम सभी एक विशाल, परस्पर जुड़े हुए प्राकृतिक तंत्र का हिस्सा हैं। प्रकृति के ऐसे संकेत, जैसे कि यह सामूहिक मछली मृत्यु, हमें अपने पर्यावरण के प्रति अधिक सचेत होने और उन अंतर्निहित कारणों पर विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं जो इन घटनाओं को जन्म देते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे कार्य, चाहे वे कितने भी छोटे क्यों न हों, समुद्री जीवन और हमारे ग्रह के स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं। अधिकारियों द्वारा जांच जारी है, और जनता से किसी भी अतिरिक्त मछली मृत्यु की रिपोर्ट करने का आग्रह किया गया है। यह घटना समुद्री जीवन की रक्षा और हमारे ग्रह के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने के अवसर के रूप में देखी जानी चाहिए।

स्रोतों

  • The Guardian

  • Fish deaths | City of Gold Coast

  • Gold Coast authorities investigate mass fish deaths

  • Marine biologist comments on Gold Coast fish deaths

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