स्पेन के पाइरेनीज़ पर्वत श्रृंखला में पुरातत्वविदों ने एक अभूतपूर्व खोज की है, जो लगभग 4,000 साल पहले के प्रारंभिक कांस्य युग में अंतर-व्यक्तिगत हिंसा की एक दुर्लभ झलक पेश करती है। रोच डे लेस ओरेनेटस (Roc de les Orenetes) नामक पुरातात्विक स्थल पर खुदाई के दौरान, वैज्ञानिकों को एक मानव रिब (पसली) मिली है, जिसके अंदर एक चकमक पत्थर का तीर का अगला हिस्सा (arrowhead) फंसा हुआ है। यह खोज न केवल उस काल की क्रूरता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि व्यक्ति इस हमले से बच गया था, क्योंकि तीर के आसपास की हड्डी में उपचार के संकेत मिले हैं।
यह महत्वपूर्ण खोज डॉ. कार्लोस टोरनेरो के नेतृत्व में स्वायत्त विश्वविद्यालय बार्सिलोना (Autonomous University of Barcelona) और कैटलन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन पेलियोइकोलॉजी एंड सोशल इवोल्यूशन (IPHES-CERCA) द्वारा की गई थी। यह तीर का अगला हिस्सा व्यक्ति के पीछे से मारा गया था, जो उस समय की लड़ाई की प्रकृति पर प्रकाश डालता है। हड्डी में उपचार की प्रक्रिया यह बताती है कि व्यक्ति को चोट लगने के बाद कुछ समय तक जीवित रहा, संभवतः हफ्तों या महीनों तक, जो उस काल की चिकित्सा समझ या सामुदायिक समर्थन की ओर भी इशारा करता है। यह इस धारणा को चुनौती देता है कि प्रागैतिहासिक समाज शांतिपूर्ण थे।
रोच डे लेस ओरेनेटस स्थल, जो 1,800 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है, एक सामूहिक दफन स्थल के रूप में कार्य करता था। 2019 से चल रही खुदाई में अब तक 6,000 से अधिक मानव हड्डियों के टुकड़े मिले हैं, जो लगभग 51 व्यक्तियों से संबंधित हैं। इन अवशेषों की कार्बन डेटिंग 4,100 से 4,500 साल पुरानी है। इस स्थल पर पहले भी हिंसा के प्रमाण मिले थे, जैसे कि कुल्हाड़ियों और खंजरों के निशान, और बिखरे हुए चकमक पत्थर के तीर के अगले हिस्से। हालांकि, इस विशेष रिब में फंसा हुआ तीर का अगला हिस्सा सीधे तौर पर हिंसा की पुष्टि करता है।
बायोआर्कियोलॉजिस्ट मिगुएल एंजेल मोरेनो और उनके सहयोगियों द्वारा 2024 में प्रकाशित शोध में इस स्थल पर कम से कम छह व्यक्तियों में अंतर-व्यक्तिगत हिंसा के प्रमाण मिले थे। इस रिब पर एक्स-रे माइक्रो-टोमोग्राफी (X-ray micro-tomography) और डीएनए परीक्षण जैसी अतिरिक्त विश्लेषण किए जा रहे हैं। इन अध्ययनों का उद्देश्य प्राचीन समुदाय के इतिहास, स्वास्थ्य और जीवन शैली की गहरी समझ प्रदान करना है। यह खोज नॉर्वे के पहाड़ों में पाए गए एक क्वार्ट्जाइट नोक वाले प्राचीन तीर जैसी अन्य हालिया खोजों के साथ मेल खाती है, जो संभवतः 3,000 साल पहले बारहसिंगा के शिकारियों द्वारा इस्तेमाल किया गया था। यह निष्कर्ष हमें उस समय के मानव समाजों की जटिलताओं, उनके संघर्षों और जीवित रहने की उनकी क्षमता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।