अंटार्कटिका का पाइन आइलैंड ग्लेशियर: नीचे ज्वालामुखी गतिविधि से पिघलने की गति बढ़ी, वैश्विक चिंताएँ बढ़ीं (2025)

द्वारा संपादित: Anna 🌎 Krasko

वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में पाइन आइलैंड ग्लेशियर के नीचे एक सक्रिय ज्वालामुखी की पहचान की है, यह खोज वैश्विक जलवायु परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखती है।

इस ज्वालामुखी गतिविधि से निकलने वाली गर्मी ग्लेशियर के पिघलने में योगदान कर रही है, जिससे बर्फ के नुकसान की पहले से ही तेज़ गति और बढ़ रही है।

यह खोज ग्लेशियर के पिघलने और ज्वालामुखी गतिविधि के बीच जटिल अंतर्संबंध को रेखांकित करती है, जिससे सकारात्मक प्रतिक्रिया लूप की संभावना उजागर होती है।

संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (IYGP2025) घोषित किया है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और टिकाऊ उपायों की वकालत करना है। यह पहल भारत के हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियरों के संरक्षण के प्रयासों को भी बढ़ावा देगी, जहाँ ग्लेशियर लाखों लोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

जैसे-जैसे दुनिया भर में ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं, ज्वालामुखी गतिविधि की निगरानी करना और संबंधित खतरों को कम करना महत्वपूर्ण है।

स्रोतों

  • ExtremeTech

  • Melting glaciers are awakening Earth's most dangerous volcanoes

  • Active Volcano Discovered Under Glacier in Antarctica

  • Melting Glaciers Will Lead to More Volcanic Eruptions, Study Suggests. Now, All Eyes Are On Antarctica

  • International Year of Glaciers' Preservation

  • Huge steam plume rises from Alaska's Mount Spurr as volcano edges closer to eruption

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