अंधे वॉमबैट गुंडी का नया ठिकाना: लचीलेपन और देखभाल की कहानी

द्वारा संपादित: Olga Samsonova

न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया के एक वन्यजीव अभयारण्य में गुंडी नामक एक नेत्रहीन वॉमबैट अपनी असाधारण अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन करते हुए फल-फूल रहा है। यह कहानी सिखाती है कि बाहरी सीमाएँ केवल आंतरिक समझ को विकसित करने का एक मंच होती हैं। गुंडी को उसकी माँ की मृत्यु के बाद शिशु अवस्था में बचाया गया था, और बाद में यह पता चला कि उसे रेटिनल डिजनरेशन के कारण दृष्टिहीनता है।

वन्यजीव विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष निकाला कि उसे जंगल में वापस छोड़ना अत्यधिक जोखिम भरा होगा, जिसके परिणामस्वरूप उसे सेंट्रल कोस्ट सुविधा में स्थायी देखभाल प्रदान की गई। यह स्थिति एक स्पष्ट संकेत देती है कि जब प्राकृतिक मार्ग बाधित होता है, तो एक नया, सुरक्षित मार्ग स्वयं प्रकट होता है, जो पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है। अभयारण्य के समर्पित कर्मचारियों की देखरेख में, गुंडी ने अपने परिवेश के साथ सफलतापूर्वक तालमेल बिठा लिया है।

वह अपनी अन्य इंद्रियों पर निर्भर रहते हुए अपने क्षेत्र को समझने के लिए निर्देशित सैर में भाग लेता है। यह दर्शाता है कि जब एक इंद्रिय सीमित होती है, तो अन्य इंद्रियाँ अपनी क्षमता का विस्तार करती हैं, जिससे जीवन का अनुभव पूर्ण बना रहता है। आगंतुकों ने गुंडी के अनूठे मेल-जोल और उसके लचीलेपन की सराहना करते हुए उसका गर्मजोशी से स्वागत किया है।

वॉमबैट, जो स्वाभाविक रूप से निशाचर प्राणी होते हैं, उनकी सुनने और सूंघने की शक्ति तीव्र होती है, लेकिन उनकी दृष्टि कमजोर होती है। यह तथ्य कि गुंडी को जंगल में जीवित रहने के लिए संघर्ष करना पड़ता, इस बात को रेखांकित करता है कि बाहरी दुनिया की चुनौतियाँ अक्सर आंतरिक क्षमताओं के विकास के लिए उत्प्रेरक बनती हैं। गुंडी की कहानी, जिसे एक अन्य रिपोर्ट में एक बास्केटबॉल को अपनी नाक से धकेलने के शौकीन के रूप में वर्णित किया गया है, यह दर्शाती है कि जीवन के प्रति उत्साह किसी भी शारीरिक स्थिति से परे है।

गुंडी की देखभाल करने वाली संस्थाओं में से एक, स्लीपी बरोज़ वॉमबैट सैंक्चुअरी की संचालिका डोना स्टीपन ने गर्मी की लहरों के दौरान वॉमबैट्स की नाजुकता पर प्रकाश डाला है, क्योंकि वे पसीना नहीं बहा सकते और 24 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान में खुद को ठंडा नहीं कर पाते। डोना स्टीपन को पशु कल्याण में उनकी सेवा के लिए 2017 में ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया मेडल मिला था।

गुंडी का अभयारण्य में होना, जो कि कैनबरा के उत्तर-पूर्व में गुंडारू के पास स्थित है, यह दिखाता है कि देखभाल और संरक्षण के प्रयास कैसे एक सुरक्षित आश्रय का निर्माण करते हैं। यह केवल एक जानवर को बचाने का कार्य नहीं है, बल्कि यह उस सामूहिक जिम्मेदारी को दर्शाता है जो हम सभी के पास जीवन के सभी रूपों के प्रति है। गुंडी का फलना-फूलना इस बात का प्रमाण है कि सही समर्थन और वातावरण मिलने पर, हर प्राणी अपनी आंतरिक शक्ति को प्रकट कर सकता है।

स्रोतों

  • Australian Broadcasting Corporation

  • ABC News

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