20 अगस्त, 2025 को वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी प्रौद्योगिकी शेयरों में आई भारी गिरावट थी। यह गिरावट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव और इसके भविष्य को लेकर निवेशकों की चिंताओं से प्रेरित थी। Nvidia और Palantir जैसी प्रमुख AI कंपनियों के शेयरों में विशेष रूप से बड़ी गिरावट दर्ज की गई। Nvidia के शेयर 5.24% गिरकर $170.40 पर आ गए, जबकि Palantir के शेयर 6.61% लुढ़ककर $147.32 पर बंद हुए।
इस गिरावट का एक प्रमुख कारण एमआईटी (MIT) की एक रिपोर्ट थी, जिसमें कहा गया था कि जनरेटिव AI में निवेश करने वाले 95% निवेशक वित्तीय लाभ नहीं देख रहे हैं। इस रिपोर्ट ने AI बूम की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई। यूरोपीय बाजारों में भी इसका असर देखा गया। STOXX 600 इंडेक्स 0.2% गिर गया, और ब्रिटेन का FTSE 100 इंडेक्स भी 0.2% नीचे आ गया। जुलाई में ब्रिटेन की मुद्रास्फीति दर 3.8% तक पहुंच गई थी, जिसने बाजार की धारणा को और प्रभावित किया।
रक्षा शेयरों में भी गिरावट आई, जिसका कारण यूक्रेन में शांति समझौते की उम्मीदें थीं, जो अमेरिकी नीतिगत सुझावों से प्रभावित थीं। एशियाई बाजारों में भी यही रुझान देखा गया। जापान का Nikkei 225 इंडेक्स 1.5% गिरकर 42,888.55 पर बंद हुआ। यह गिरावट वॉल स्ट्रीट पर प्रौद्योगिकी शेयरों की बिकवाली और जैक्सन होल आर्थिक संगोष्ठी से पहले की सावधानी के कारण थी।
अमेरिकी सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में संभावित हस्तक्षेप, जैसे कि राजस्व साझाकरण और कंपनियों में संघीय हिस्सेदारी, की चिंताओं ने भी वैश्विक भावना को प्रभावित किया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख उधारी दर 4.25%-4.5% की सीमा में अपरिवर्तित रखी, जो दिसंबर 2024 से बनी हुई है। फेड के इस निर्णय में मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास संबंधी चिंताएं शामिल हैं, और अनुमान है कि इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।
निवेशक अब जैक्सन होल आर्थिक नीति संगोष्ठी पर अपनी नजरें टिकाए हुए हैं, जहां वे फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल से आर्थिक दृष्टिकोण और भविष्य की ब्याज दर की चालों पर टिप्पणी की उम्मीद कर रहे हैं। बाजार के वायदा कारोबार से संकेत मिलता है कि सितंबर में ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत की कटौती हो सकती है। यह वैश्विक बाजार की परस्पर संबद्धता और अमेरिकी आर्थिक नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है, जहां एक क्षेत्र में आई मंदी का असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ता है। एमआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश कंपनियां जनरेटिव AI में निवेश से कोई खास रिटर्न नहीं देख रही हैं, जो इस क्षेत्र में अधिक सावधानी बरतने का संकेत देता है।