नई दिल्ली: वैश्विक बाज़ार 21 अगस्त, 2025 को फेडरल रिज़र्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल इकोनॉमिक पॉलिसी सिम्पोज़ियम में दिए जाने वाले संबोधन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। अमेरिकी डॉलर एक सप्ताह की ऊंचाई से नीचे स्थिर बना हुआ है, क्योंकि निवेशक मौद्रिक नीति में संभावित बदलावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, विशेष रूप से सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर।
इस बीच, एशियाई बाज़ारों में मिश्रित रुझान देखा गया। जापान का निक्केई 0.6% नीचे 42,636.74 पर बंद हुआ, जो अगस्त में विनिर्माण गतिविधि में संकुचन को दर्शाता है। दूसरी ओर, दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक 1% बढ़कर 3,161.74 पर पहुँच गया। यह मिश्रित तस्वीर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की जटिलता को उजागर करती है, जहाँ विभिन्न क्षेत्र अलग-अलग गति से आगे बढ़ रहे हैं।
जैक्सन होल इकोनॉमिक पॉलिसी सिम्पोज़ियम, जो 1978 से फेडरल रिज़र्व बैंक ऑफ कैनसस सिटी द्वारा आयोजित किया जाता है, वैश्विक केंद्रीय बैंकरों, नीति निर्माताओं और अर्थशास्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण वार्षिक सभा है। यह मंच मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता और व्यापक आर्थिक चुनौतियों पर गहन चर्चा के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष का सिम्पोज़ियम, जो व्योमिंग के जैक्सन होल में हो रहा है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रहा है।
बाज़ार विश्लेषकों की नज़रें जेरोम पॉवेल के भाषण पर टिकी हैं, जो संभावित रूप से फेड ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के भविष्य के नीतिगत कदमों के बारे में महत्वपूर्ण संकेत दे सकते हैं। हाल के आर्थिक आंकड़ों ने नीति में बदलाव की अटकलों को हवा दी है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि श्रम बाज़ार में नरमी और मुद्रास्फीति के दबावों में कमी के संकेत, फेड को ब्याज दरों में कटौती की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। TD सिक्योरिटीज जैसी फर्मों ने वर्ष के अंत तक तीन दर कट की उम्मीद जताई है, हालांकि वे इस बात पर भी ज़ोर देते हैं कि पॉवेल सितंबर में कटौती के लिए तत्परता का संकेत देने से कतरा सकते हैं, और आगामी रोज़गार और मुद्रास्फीति रिपोर्टों का इंतज़ार कर सकते हैं। CME के FedWatch टूल के अनुसार, सितंबर में दर कट की संभावना हाल ही में 94.3% से घटकर 80.9% हो गई है, जो बाज़ार की अनिश्चितता को दर्शाता है।
अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। कम ब्याज दरें व्यवसायों के लिए ऋण लेना सस्ता बनाती हैं, जिससे निवेश और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिल सकता है। यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है, जहाँ अमेरिकी डॉलर में भारी कर्ज वाले देशों को राहत मिल सकती है। हालांकि, पूंजी प्रवाह में अस्थिरता और मुद्रा के उतार-चढ़ाव का भी ध्यान रखना होगा। पॉवेल का संबोधन न केवल अमेरिकी बल्कि वैश्विक आर्थिक दिशा के लिए भी एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक साबित हो सकता है, जो बाज़ारों को आगे बढ़ने के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान करेगा।