भारतीय शेयर बाज़ार में लगातार बढ़त, निवेशकों का विश्वास मजबूत

द्वारा संपादित: Olga Sukhina

नई दिल्ली: 21 अगस्त 2025 को भारतीय शेयर बाज़ार ने लगातार छठे दिन बढ़त दर्ज की, जिससे निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 82,000.71 के स्तर पर बंद हुआ, जो 0.17% की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 0.13% बढ़कर 25,083.75 पर पहुंच गया। यह सकारात्मक गति वैश्विक निवेशकों की भावना को भी प्रभावित कर रही है, जो वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधारों की उम्मीद और हालिया क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड से उत्साहित हैं।

बाजार के प्रमुख सूचकांकों में, वित्तीय क्षेत्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन किया। वित्तीय शेयरों में 0.5% की वृद्धि देखी गई, जिसमें बीमा कंपनियों जैसे HDFC लाइफ, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ, SBI लाइफ और निवा बूपा ने 1% से 3% तक की बढ़त दर्ज की। यह वृद्धि इस प्रस्ताव से प्रेरित थी कि व्यक्तिगत बीमा प्रीमियम को करों से छूट दी जाए। रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो एक सूचकांक हैवीवेट है, 1.2% बढ़कर तेल और गैस सूचकांक को 0.8% ऊपर ले गई।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि GST सुधारों की योजना, जिसमें चार-स्तरीय कर प्रणाली को 5% और 18% की दो मुख्य स्लैब में बदलने का प्रस्ताव है, खपत को बढ़ावा दे सकती है। यह कदम दिवाली के आसपास लागू होने की उम्मीद है और इसे एक गेम-चेंजर माना जा रहा है, जिससे GDP वृद्धि में 50-70 bps की वृद्धि हो सकती है। इसके अतिरिक्त, S&P द्वारा भारत की दीर्घकालिक संप्रभु क्रेडिट रेटिंग में सुधार ने भी निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया है।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों में गिरावट भी देखी गई। पावर और कमोडिटीज क्षेत्रों में गिरावट आई। आईटी शेयरों में भी थोड़ी गिरावट आई, क्योंकि निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल सिम्पोजियम में आने वाले बयानों पर नजर रख रहे थे। वैश्विक स्तर पर, एशियाई बाजारों में मिश्रित संकेत थे, जबकि यूरोपीय और अमेरिकी बाजार मिले-जुले रहे।

निवेश प्रवाह के संदर्भ में, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को 1,100.09 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 1,806.34 करोड़ रुपये की खरीदारी की। यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि घरेलू निवेशक बाजार को सहारा दे रहे हैं, जबकि विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। अगस्त के पहले पखवाड़े में, FIIs ने लगभग 21,000 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची थी, जो सात महीने का निम्नतम स्तर है। यह बिकवाली व्यापार तनाव, उच्च मूल्यांकन और कमजोर कॉर्पोरेट आय जैसी चिंताओं को दर्शाती है।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.90% बढ़कर 67.44 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी कच्चे तेल की इन्वेंट्री में अपेक्षा से अधिक 6 मिलियन बैरल की गिरावट आई, जिसने तेल की कीमतों को समर्थन दिया। कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाज़ार GST सुधारों और क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड जैसे सकारात्मक कारकों से प्रेरित होकर बढ़त बनाए हुए है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताएं और विदेशी निवेशकों की सतर्कता बाजार की गति को प्रभावित कर सकती है।

स्रोतों

  • english.varthabharati.in

  • Sensex - Moneycontrol

  • Nifty 50 - Moneycontrol

  • BSE Smallcap Index - Moneycontrol

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