अरबपति ब्रायन जॉनसन 'प्रोजेक्ट ब्लूप्रिंट' के तहत एक गहन कायाकल्प पथ पर अग्रसर हैं, जिसका उद्देश्य उनके एपिजेनेटिक स्तर पर जैविक आयु को 27 वर्ष पीछे ले जाना है। यह प्रयास केवल सतही सुधारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानव क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के माध्यम से जीवन की अवधि बढ़ाने की संभावनाओं को टटोलने की एक गंभीर वैज्ञानिक खोज है। जॉनसन ने 2021 में यह परियोजना शुरू की थी, जिसका लक्ष्य उनके शरीर के 78 अंगों की जैविक आयु को मापना और उसे अधिकतम रूप से उलटना है।
जॉनसन का व्यापक प्रोटोकॉल एक कठोर, मुख्य रूप से पौधों पर आधारित आहार पर आधारित है, जो प्रतिदिन लगभग 1,977 कैलोरी तक सीमित है। इस पोषण योजना में साबुत अनाज, दालें और जामुन जैसे खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है। उन्होंने भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के संभावित उपचार को लेकर मांस के सेवन से परहेज करने का निर्णय लिया है। उनके आहार की सटीकता उल्लेखनीय है; वह प्रतिदिन लगभग 40 पूरक आहार लेते हैं, जिनमें एनएमएन (निकोटिनामाइड मोनोन्यूक्लियोटाइड) और रेस्वेराट्रोल जैसे यौगिक शामिल हैं, जो कोशिकीय ऊर्जा उत्पादन और डीएनए मरम्मत को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, वह कोलेजन पेप्टाइड्स, क्रिएटिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर जामुन युक्त एक 'दीर्घायु मिश्रण' का सेवन करते हैं, और उनके आहार में पॉलीफेनोल स्तरों के लिए कड़ाई से मापा गया जैतून का तेल भी शामिल है।
इस गहन दिनचर्या में दैनिक व्यायाम, नींद का सख्त पालन, एमआरआई और डेक्सा स्कैन जैसी उन्नत निगरानी तकनीकें, और प्रायोगिक चिकित्साएँ शामिल हैं। यह सब 30 से अधिक डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा निर्देशित है, जो उनके जैविक मार्करों की निरंतर निगरानी करते हैं। इस अथक समर्पण का परिणाम पहले ही दिखाई देने लगा है: सात महीनों की अवधि में, जॉनसन ने अपने एपिजेनेटिक आयु में 5.1 वर्षों की विश्व-रिकॉर्ड वापसी हासिल की थी। उनके नवीनतम मापों के अनुसार, उनकी उम्र बढ़ने की गति केवल 0.64 है, जो 99% 20 वर्षीय लोगों से भी धीमी है, और वह कई अन्य स्वास्थ्य बायोमार्करों में शीर्ष 1% में हैं।
यह संपूर्ण प्रयास, जिसमें प्लाज्मा स्थानांतरण (हालांकि उन्होंने बाद में इसे बंद कर दिया) जैसी पद्धतियाँ शामिल थीं, मानव स्वास्थ्य के प्रति एक सशक्त दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह दर्शाता है कि निरंतर आत्म-जागरूकता और वैज्ञानिक परिशुद्धता के माध्यम से, वर्तमान वास्तविकता को एक अधिक वांछनीय भविष्य के अनुरूप ढाला जा सकता है। जॉनसन ने अपने इस प्रयोग को 'प्रोजेक्ट ब्लूप्रिंट' नाम दिया है, जिसका उद्देश्य आज के एंटी-एजिंग विज्ञान की स्थिति को उजागर करना है।