एक नए अध्ययन से पता चला है कि जिन कुत्तों में शब्दों को सीखने की अद्भुत क्षमता होती है, वे न केवल अपने खिलौनों के नाम याद रख सकते हैं, बल्कि वे यह भी समझ सकते हैं कि कौन सा खिलौना किस काम के लिए है, भले ही वे दिखने में बिल्कुल अलग हों। यह खोज कुत्तों की संज्ञानात्मक क्षमताओं और भाषा की उनकी समझ के बारे में हमारी जानकारी को गहरा करती है। यह अध्ययन उन कुत्तों पर केंद्रित है जिन्हें 'गिफ्टेड वर्ड लर्नर' (GWL) कहा जाता है, जो विशेष रूप से वस्तुओं के नाम सीखने में माहिर होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि ये विशेष कुत्ते 'खींचने' (tug) या 'फेंकने' (fetch) जैसे शब्दों को खिलौनों के कार्य से जोड़ते हैं, न कि केवल उनकी बनावट या आकार से। उदाहरण के लिए, यदि किसी कुत्ते को सिखाया जाता है कि एक विशेष खिलौना 'खींचने' के लिए है, तो वह उसी तरह के दूसरे खिलौने को भी, भले ही वह बिल्कुल अलग दिखे, 'खींचने' वाले खिलौने के रूप में पहचान लेगा।
यह क्षमता प्राकृतिक खेल के दौरान विकसित होती है, जिसमें किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। यह मनुष्यों में भाषा सीखने की प्रक्रिया के समान है, जहाँ बच्चे वस्तुओं को उनके उपयोग के आधार पर वर्गीकृत करना सीखते हैं, जैसे कि चम्मच और कटोरी दोनों का उपयोग खाने के लिए होता है। बुडापेस्ट में इओटवोस लोरैंड विश्वविद्यालय की एक प्रमुख शोधकर्ता क्लाउडिया फुगाज़ा के अनुसार, यह दर्शाता है कि कुत्ते वस्तुओं के बारे में मानसिक चित्र बनाते हैं जो उनके अनुभवों पर आधारित होते हैं, और वे इन मानसिक छवियों को याद रख सकते हैं। यह वैसा ही है जैसे कोई व्यक्ति हथौड़े और पत्थर दोनों को एक ही नाम से पुकार सकता है यदि उनका उपयोग एक ही उद्देश्य के लिए किया जाता है। यह कुत्तों की जटिल विचार प्रक्रियाओं को उजागर करता है, जो केवल सतही विशेषताओं से परे जाकर वस्तुओं के कार्य को समझते हैं।
इस अध्ययन की एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ये 'गिफ्टेड वर्ड लर्नर' कुत्ते इन कार्यात्मक लेबलों को लंबे समय तक, यहाँ तक कि दो साल तक भी याद रख सकते हैं, बिना किसी अतिरिक्त अभ्यास के। यह कुत्तों की दीर्घकालिक स्मृति क्षमता को दर्शाता है और बताता है कि वे सीखी हुई जानकारी को कितनी गहराई से संग्रहीत कर सकते हैं। यह क्षमता न केवल कुत्तों की बुद्धिमत्ता का प्रमाण है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि भाषा और स्मृति के बीच संबंध प्रजातियों के बीच कैसे विकसित हो सकता है।
यह शोध कुत्तों की संज्ञानात्मक लचीलेपन और सीखने की क्षमता पर प्रकाश डालता है। यह दर्शाता है कि वे न केवल शब्दों को याद करते हैं, बल्कि उन शब्दों के पीछे के अर्थ को भी समझते हैं, जिससे वे नई वस्तुओं को उनके उपयोग के आधार पर वर्गीकृत कर पाते हैं। यह समझ हमें हमारे प्यारे साथियों की दुनिया को और गहराई से जानने का अवसर देती है और यह भी बताती है कि कैसे सीखने की प्रक्रियाएं, चाहे वह मनुष्यों में हों या कुत्तों में, अक्सर समान मूलभूत सिद्धांतों का पालन करती हैं, जो एक गहरे जुड़ाव का संकेत देती हैं।