राज्यपाल ने प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक शिक्षा में एकीकृत करने का किया आह्वान

द्वारा संपादित: Olga Samsonova

राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ किशनराव बागडे ने 26 सितंबर, 2025 को उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MPUAT) में विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक संरचना, नामांकन, छात्रवृत्ति, परीक्षाओं, वित्तीय स्थिति, कर्मचारियों की रिक्तियों और भूमि उपयोग जैसे विभिन्न पहलुओं की गहन समीक्षा की और प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

राज्यपाल बागडे ने इस अवसर पर प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपराओं को अनुसंधान और शिक्षा में एकीकृत करने के महत्व पर विशेष बल दिया। उनका मानना है कि इस समावेश से छात्रों की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी और उनमें राष्ट्रीय गौरव की भावना का संचार होगा। उन्होंने महर्षि भारद्वाज जैसे ऋषियों द्वारा रचित प्राचीन ग्रंथों का उदाहरण देते हुए सुझाव दिया कि इन अमूल्य ग्रंथों को विश्वविद्यालय पुस्तकालय में उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि छात्र इनका अध्ययन और अनुसंधान कर सकें। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य प्राचीन सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर का संरक्षण और पुनरुद्धार करना है।

श्री बागडे ने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्वविद्यालयों को सेवानिवृत्त कर्मचारियों और छात्रों को प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को कहानियों और प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से शिक्षित करने की गतिविधियों में शामिल करना चाहिए। उनका मानना है कि इस प्रकार की पहल जमीनी स्तर पर शिक्षा की नींव को मजबूत करेगी और जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण में सहायक सिद्ध होगी।

राज्यपाल ने भारत की प्रतिभा और लचीलेपन की सराहना करते हुए कहा कि देश ने 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद लगे प्रतिबंधों का सामना किया और वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के बीच भी मजबूती से खड़ा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय प्रतिभा पर विश्व निर्भर है, जो देश की आंतरिक शक्ति का प्रमाण है। यह बैठक MPUAT के शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्राचीन ज्ञान के प्रकाश में आधुनिक शिक्षा को समृद्ध करने की दिशा में एक नई चेतना का संचार करती है। इस प्रयास से न केवल छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

स्रोतों

  • NewsDrum

  • PTI News

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