5 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस के अवसर पर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्कूली बच्चों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि जगाने के उद्देश्य से 'मिशन अंतरिक्ष' और 'प्रोजेक्ट जय विज्ञान' का शुभारंभ किया। यह पहल देश के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर, रायपुर जिला प्रशासन ने इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड्स फाउंडेशन और विज्ञान भारती के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। इन साझेदारियों का उद्देश्य छात्रों को अंतरिक्ष अन्वेषण और वैज्ञानिक पूछताछ से संबंधित मूल्यवान ज्ञान और अनुभव प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री साय ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है जो प्रश्न पूछने, तर्क करने और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 'प्रोजेक्ट जय विज्ञान' के माध्यम से आयोजित कार्यशालाएं, प्रदर्शनियां और प्रतियोगिताएं छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाएंगी और उन्हें नए विचारों के निर्माता बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। यह पहल 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण की दिशा में एक मजबूत नींव रखेगी।
यह कार्यक्रम जुलाई 2025 में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की सफल यात्रा से प्रेरित है। शुक्ला, जो आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने, उन्होंने इस मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए। उनकी यात्रा ने देश भर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत के रूप में काम किया है, जो उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड्स फाउंडेशन जैसी संस्थाएं, जो युवा मस्तिष्कों में अंतरिक्ष और उपग्रह शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं, इस तरह की पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। विज्ञान भारती, जो स्वदेशी विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए काम करती है, भी इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम, विशेष रूप से इसरो की उपलब्धियां, देश की तकनीकी प्रगति का प्रमाण हैं। चंद्रयान-3 जैसी सफलताओं ने युवा पीढ़ी के बीच अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा को और बढ़ाया है। 'मिशन अंतरिक्ष' और 'प्रोजेक्ट जय विज्ञान' जैसी पहलें यह सुनिश्चित करेंगी कि छत्तीसगढ़ के छात्र न केवल ज्ञान के उपभोक्ता बनें, बल्कि भविष्य के वैज्ञानिक नवाचारों के निर्माता भी बनें। यह पहल भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में एक वैश्विक शक्ति बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो देश को 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य की ओर अग्रसर करती है।