अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और भारत पर रूस से तेल खरीदना बंद करने का दबाव बढ़ा दिया है, यह आरोप लगाते हुए कि इन देशों की रूस से तेल खरीद यूक्रेन में युद्ध को वित्तीय समर्थन प्रदान कर रही है।
भारत, जो रूस से तेल का प्रमुख खरीदार है, ने ट्रंप की टिप्पणियों को "अनुचित और अनुचित" बताते हुए अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रूस से तेल खरीद जारी रखने के अपने इरादे की पुष्टि की है।
इस बीच, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि रूस ने यूक्रेन में युद्धविराम नहीं किया, तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 100% तक के अतिरिक्त शुल्क लगाए जा सकते हैं।
भारत और चीन दोनों ही रूस से सस्ते तेल की खरीद से अपने ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जिससे उनके ऊर्जा खर्चों में कमी आती है। हालांकि, अमेरिकी दबाव के बावजूद, इन देशों ने अपनी ऊर्जा खरीद नीति में कोई बदलाव नहीं किया है।
यह स्थिति वैश्विक ऊर्जा बाजारों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि प्रमुख तेल खरीदार देशों की नीतियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और कीमतों को प्रभावित करती हैं।