मोदी-ट्रंप वार्ता: व्यापार समझौते में प्रगति, रूसी तेल पर तनाव और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा

द्वारा संपादित: gaya ❤️ one

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21 अक्टूबर, 2025 को एक महत्वपूर्ण दूरभाष वार्ता की, जिसने दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों की गहराई को फिर से उजागर किया। यह संवाद वैश्विक व्यापार लक्ष्यों और ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक विषयों पर उच्च-स्तरीय विचार-विमर्श का प्रमाण था, जो दोनों राष्ट्रों के बीच निरंतर प्रगति को दर्शाता है।

इस वार्ता का मुख्य केंद्र बिंदु 21वीं सदी के लिए 'यू.एस.-इंडिया कॉम्पैक्ट (Catalyzing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology)' के प्रति नेताओं की प्रतिबद्धता को मजबूत करना था। इस व्यापक ढांचे के तहत, दोनों नेताओं ने एक बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत को आगे बढ़ाया, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को अभूतपूर्व 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है, जिसे 'मिशन 500' के नाम से भी जाना जाता है। इस BTA के पहले चरण में औद्योगिक वस्तुओं, चयनित कृषि उत्पादों और गैर-टैरिफ बाधाओं को संबोधित करने की योजना है। यह प्रगति ऐसे समय में हुई है जब व्यापार समझौते पर बातचीत अंतिम चरण में है, और भारतीय निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ को 50% से घटाकर 15-16% तक करने की संभावना है, हालांकि कृषि और ऊर्जा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में राजनीतिक सहमति की आवश्यकता है।

वार्ता में एक प्रमुख तनाव बिंदु ऊर्जा सहयोग रहा, विशेष रूप से भारत द्वारा रूस से किए जा रहे कच्चे तेल के आयात पर राष्ट्रपति ट्रम्प की चिंता। यह चिंता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने जून 2025 में रूसी कच्चे तेल का रिकॉर्ड 2.08 मिलियन बैरल प्रतिदिन आयात किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संवेदनशीलता को समझते हुए, ऊर्जा आपूर्ति स्थिरता बनाए रखने की अपनी रणनीति के अनुरूप, ऊर्जा आयात में विविधता लाने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की खोज करने का आश्वासन दिया।

दोनों राष्ट्रों ने आतंकवाद के सभी रूपों के विरुद्ध एकजुट रहने की अपनी साझा प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति उनके संयुक्त दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह सहयोग क्वाड शिखर सम्मेलन जैसे बहुपक्षीय मंचों के व्यापक ढांचे के साथ भी जुड़ा हुआ है। इस संवाद का निष्कर्ष यही है कि भारत-अमेरिका संबंध निरंतर विकसित हो रहे हैं, जो आर्थिक महत्वाकांक्षाओं और भू-राजनीतिक विचारों के संगम को प्रदर्शित करते हैं, और यह साझेदारी वैश्विक मंच पर सहयोग का प्रतीक बनने की क्षमता रखती है।

स्रोतों

  • Anadolu Ajansı

  • Council on Foreign Relations: Why a U.S.-India Trade Deal Makes Sense

  • India Briefing: India-US Relations: Key Outcomes of Modi-Trump Meet

  • Sensex Nifty: India Breaks Oil Import Record from Russia in June 2025: A Strategic Energy Shift

  • CNBC: India is staring at an oil shock as sanctions on Russian crude loom

  • OEDigital: Data shows that India's Russian crude oil imports between April and September fell by 8.4% YoY

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