रवांडा एक महत्वपूर्ण ऊर्जा परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2030 तक देश के हर घर तक बिजली पहुँचाना है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को फरवरी 2025 में घोषित एक नई, व्यापक ऊर्जा नीति का समर्थन प्राप्त है। इस नीति में राष्ट्रीय ग्रिड के विस्तार और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए 4 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई गई है। यह पहल रवांडा के आर्थिक विकास और सामाजिक उत्थान के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करने की दिशा में एक सचेत प्रयास है।
मई 2025 तक के आँकड़ों के अनुसार, रवांडा ने बिजली पहुँच के मामले में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है, जहाँ 83.2% घरों तक बिजली की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इस उपलब्धि में 58.3% घरों का राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ना और शेष 24.9% घरों का सौर ऊर्जा जैसे ऑफ-ग्रिड समाधानों पर निर्भर रहना शामिल है। यह संतुलित दृष्टिकोण दर्शाता है कि देश केंद्रीयकृत और विकेन्द्रीकृत दोनों तरह की ऊर्जा प्रणालियों को महत्व दे रहा है।
इस प्रगति का एक ठोस उदाहरण लेक मुगेसेरा के पास 8.5 मेगावाट (MW) के सौर संयंत्र का सफल समापन है। यह परियोजना देश की कुल उत्पादन क्षमता में 6% की वृद्धि करती है और 15,000 से अधिक घरों को रोशन करती है। इस संयंत्र की विशेषता इसके 28,360 सूर्य-ट्रैकिंग पैनल हैं, जो दक्षता में 20% की वृद्धि करते हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार 2025 के अंत तक लगभग 1,000 स्कूलों को विद्युतीकृत करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है, जो शिक्षा के क्षेत्र में ऊर्जा की पहुँच को सीधे तौर पर जोड़ता है।
रवांडा की दूरदर्शिता दीर्घकालिक है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी है। देश की 'लीस्ट कॉस्ट पावर डेवलपमेंट प्लान (LCPDP) 2024–2050' के अनुसार, 2050 तक सौर फोटोवोल्टिक क्षमता में 1,492.85 MW की भारी वृद्धि का अनुमान है, जिसमें बैटरी भंडारण भी शामिल होगा। यह दीर्घकालिक योजना ऊर्जा की अनिरंतर प्रकृति की चुनौती को समझते हुए ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने पर ज़ोर देती है। हालाँकि, इस विशाल योजना को साकार करने के लिए अनुमानित $3.6 बिलियन के निवेश की आवश्यकता 2035 तक पूरी करनी होगी, जो निजी क्षेत्र की भागीदारी और नीतिगत स्पष्टता पर निर्भर करेगा।