ऑस्ट्रेलिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के बीच, इसके विनियमन को लेकर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बहस चल रही है। ऑस्ट्रेलियाई यूनियनों का एक समूह, जिसका नेतृत्व ऑस्ट्रेलियाई काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ACTU) कर रही है, कार्यस्थलों में AI के कार्यान्वयन के लिए कड़े "AI कार्यान्वयन समझौतों" की वकालत कर रहा है। इनका उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई उद्योग समूह (Ai Group) जैसे व्यावसायिक संगठन चेतावनी दे रहे हैं कि अत्यधिक नियमन नवाचार, उत्पादकता और आर्थिक विकास को बाधित कर सकता है।
ACTU के सहायक सचिव, जोसेफ मिशेल, इस बात पर जोर देते हैं कि AI को कार्यस्थलों में पेश करने से पहले नियोक्ताओं को कर्मचारियों के साथ परामर्श करना चाहिए। उनका मानना है कि "हमारे बिना कोई निर्णय नहीं" के सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए। इन समझौतों का उद्देश्य नौकरी की सुरक्षा, कौशल विकास, पुन: प्रशिक्षण, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मिशेल ने यह भी सुझाव दिया है कि जिन कंपनियों के पास ऐसे समझौते नहीं हैं, उन्हें सरकारी फंडिंग, जैसे अनुसंधान और विकास प्रोत्साहन या सरकारी अनुबंधों के लिए पात्र नहीं होना चाहिए। यह चिंता अमेज़ॅन और टेल्स्ट्रा जैसी कंपनियों के उदाहरणों से उपजी है, जहां AI अपनाने से कार्यबल में कमी की उम्मीद है।
इसके विपरीत, Ai Group के मुख्य कार्यकारी, इननेस विलॉक्स, तर्क देते हैं कि ऐसे नियम नवाचार को दबा सकते हैं और उत्पादकता को कम कर सकते हैं। उनका मानना है कि नियोक्ताओं को AI को अपनाने के तरीके और समय के बारे में निर्णय लेने से अनुचित रूप से रोका नहीं जाना चाहिए। विलॉक्स ने यह भी कहा कि कुछ मामलों में कर्मचारी की भागीदारी फायदेमंद हो सकती है, लेकिन अन्य में यह अव्यावहारिक है।
इस बहस के बीच, ऑस्ट्रेलियाई कोषाध्यक्ष जिम चालमर्स एक "समझदार मध्य मार्ग" खोजने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने 19 से 21 अगस्त, 2025 तक कैनबरा में आयोजित आर्थिक सुधार गोलमेज सम्मेलन में इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की। इस सम्मेलन का उद्देश्य उत्पादकता में सुधार, आर्थिक लचीलापन बढ़ाने और बजट स्थिरता को मजबूत करने के तरीकों पर आम सहमति बनाना था। गोलमेज सम्मेलन में AI के संभावित आर्थिक लाभों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें अनुमान है कि यह ऑस्ट्रेलिया की श्रम उत्पादकता को 4% से अधिक बढ़ा सकता है, जिससे प्रति वर्ष 116 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त लाभ हो सकता है। हालांकि, यह भी चेतावनी दी गई है कि ये लाभ समान रूप से वितरित नहीं हो सकते हैं।
उत्पादकता आयोग की एक रिपोर्ट ने AI-विशिष्ट कानूनों को अंतिम उपाय के रूप में मानने की सिफारिश की है, और इसके बजाय मौजूदा ढांचे जैसे उपभोक्ता संरक्षण, गोपनीयता और भेदभाव-विरोधी कानूनों को अनुकूलित करने का सुझाव दिया है। यह दृष्टिकोण इस चिंता को दर्शाता है कि अत्यधिक नियमन नवाचार को बाधित कर सकता है, जैसा कि बिजनेस काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया (BCA) ने भी चेतावनी दी है। BCA के मुख्य कार्यकारी, ब्रान ब्लैक, का मानना है कि AI से जुड़े अवसरों को खोने से बचने के लिए जल्दबाजी में नियमन नहीं किया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर, ऑस्ट्रेलिया AI के भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। यूनियनों का जोर श्रमिकों की सुरक्षा पर है, जबकि व्यवसाय नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दे रहे हैं। सरकार का लक्ष्य इन दोनों दृष्टिकोणों के बीच संतुलन बनाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि AI ऑस्ट्रेलिया के लिए विकास और समृद्धि का एक साधन बने, न कि सामाजिक और आर्थिक व्यवधान का। इस दिशा में, ACTU और टेक काउंसिल के बीच रचनात्मक सामग्री के उपयोग के लिए रचनाकारों को मुआवजा देने के मॉडल पर एक प्रारंभिक समझौता एक सकारात्मक कदम है, जो सहयोग की संभावना को दर्शाता है।