विश्वविद्यालयों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का एकीकरण शिक्षा के परिदृश्य को तेजी से बदल रहा है, जिसमें कई संस्थान 2025 तक अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों में AI को एकीकृत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। यह परिवर्तन छात्रों को AI-संचालित भविष्य के लिए तैयार करने और सीखने के अनुभव को बढ़ाने के उद्देश्य से है।
SF State जैसे विश्वविद्यालय AI के रणनीतिक और आलोचनात्मक उपयोग पर केंद्रित कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जो छात्रों को जनरेटिव AI की गहरी समझ विकसित करने और इसके पेशेवर अनुप्रयोगों में निपुणता हासिल करने के लिए तैयार कर रहे हैं। इसी तरह, इंडियाना विश्वविद्यालय 'GenAI 101' जैसा एक परिचयात्मक पाठ्यक्रम पेश कर रहा है, जो छात्रों को प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, जनरेटिव AI आउटपुट के प्रबंधन और AI के नैतिक उपयोग जैसे विषयों पर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले छात्रों को एक डिजिटल प्रमाण पत्र भी मिलेगा।
कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी (CSU) अपने 23 परिसरों में 460,000 से अधिक छात्रों और 63,000 कर्मचारियों के लिए 'ChatGPT Edu' की शुरुआत कर रही है, जिसका लक्ष्य AI साक्षरता को बढ़ाना और सीखने के अनुभव को बेहतर बनाना है। यह पहल छात्रों को विशेष सीखने के मार्गदर्शन और पाठ्यक्रम सामग्री तक पहुँच प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी एंथ्रोपिक के साथ मिलकर AI को उच्च शिक्षा में एकीकृत करने के तरीकों की खोज कर रही है, जिसमें AI का उपयोग शोध गाइड और क्विज़ बनाने जैसे शैक्षिक गतिविधियों में किया जाएगा।
चीन में, शेन्ज़ेन विश्वविद्यालय, झेजियांग विश्वविद्यालय, शंघाई जिओ टोंग विश्वविद्यालय और रेनमिन विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थान डीपसीक AI मॉडल को अपने कार्यक्रमों में एकीकृत कर रहे हैं ताकि AI शिक्षा को बढ़ाया जा सके और AI सुरक्षा, गोपनीयता और नैतिकता से संबंधित चुनौतियों का समाधान किया जा सके। यह व्यापक AI एकीकरण छात्रों को भविष्य के कार्यबल के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह दर्शाता है कि कैसे विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र आज की तेजी से विकसित हो रही दुनिया में प्रासंगिक बने रहें। AI को शिक्षा में शामिल करने से न केवल सीखने के तरीके में सुधार होगा, बल्कि यह छात्रों को AI-संचालित अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और क्षमता भी प्रदान करेगा। यह कदम विश्वविद्यालयों को नवाचार और छात्र सफलता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है, जो भविष्य की शिक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।