ब्राज़ील का गन्ना उद्योग, जो देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है, अब पारंपरिक चीनी और इथेनॉल से आगे बढ़कर एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। यह क्षेत्र उन्नत जैव ईंधन, खोई (bagasse) से बिजली उत्पादन और अवशेषों से जैव-उत्पादों के निर्माण में महत्वपूर्ण विविधीकरण का अनुभव कर रहा है। इस विस्तार के लिए उत्पादकों को जटिल रणनीतिक निर्णय लेने की आवश्यकता है, जिसके परिणामस्वरूप निवेश और उपयोग के रास्तों को निर्देशित करने के लिए OptBio जैसे परिष्कृत विश्लेषणात्मक मॉडल विकसित किए जा रहे हैं।
2023/2024 की फसल के दौरान, ब्राज़ील ने लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर 713 मिलियन टन से अधिक गन्ने का उत्पादन किया, जो एक रिकॉर्ड है। इस विशाल उत्पादन का उपयोग केवल चीनी और इथेनॉल तक ही सीमित नहीं है। उद्योग अब गन्ने की खोई से बिजली उत्पन्न कर रहा है, और विनासे (vinasse) और फिल्टर केक जैसे अवशेषों से बायोगैस और बायोमीथेन का उत्पादन कर रहा है। इसके अतिरिक्त, दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल (E2G) और इथेनॉल से प्राप्त टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) जैसे उन्नत जैव ईंधनों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। गन्ने की खोई से उत्पादित बायोचार का उपयोग कृषि उत्पादकता में सुधार और कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने के लिए भी किया जा रहा है।
इस विविधीकरण ने उत्पादकों के लिए जटिल निर्णय लेने की चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। उन्हें पारंपरिक चीनी और इथेनॉल उत्पादन में निवेश को नए, उच्च-मूल्य वाले उत्पादों के लिए तकनीकी मार्गों के साथ संतुलित करना होगा। निवेश और परिचालन लागत, बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव और सरकारी प्रोत्साहन जैसे कारक इन विकल्पों को प्रभावित करते हैं।
इन रणनीतिक निर्णयों में सहायता के लिए, OptBio जैसे नए विश्लेषणात्मक और अनुकूलन मॉडल विकसित किए गए हैं। PSR द्वारा Eneva के सहयोग से और Aneel के अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के समर्थन से बनाया गया OptBio, एक ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर है। यह मॉडल विभिन्न उत्पादन प्रक्रियाओं और बाजार की अनिश्चितताओं के बीच की अंतःक्रियाओं को मॉडल करता है, कंपनियों को उनके निवेश रणनीतियों में मार्गदर्शन करने के लिए 20 से अधिक उत्पादों और 20 से अधिक प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करता है।
वैश्विक स्तर पर टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती मांग के साथ, ब्राज़ील का गन्ना उद्योग नवाचार और अनुकूलन के माध्यम से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह उद्योग न केवल देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और जैव-अर्थव्यवस्था के विकास में भी अग्रणी बन रहा है। यह विकास इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक स्थापित क्षेत्र नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर और रणनीतिक योजना के माध्यम से भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।