13 अगस्त, 2025 को, यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक की। यह बैठक राष्ट्रपति ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में होने वाले शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यूक्रेन के हितों की रक्षा हो और किसी भी शांति समझौते में उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाए।
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज़ ने इस वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें फिनलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और पोलैंड के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय संघ और नाटो के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने बर्लिन का दौरा किया ताकि वे इन नेताओं के साथ मिलकर एक एकीकृत यूरोपीय रुख प्रस्तुत कर सकें और अमेरिकी-रूसी शिखर सम्मेलन के संभावित परिणामों पर चर्चा कर सकें। यूरोपीय अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की थी कि अमेरिका और रूस के नेता यूक्रेन को पर्याप्त रूप से शामिल किए बिना महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं, जिससे कीव के लिए प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं। एक वरिष्ठ पूर्वी यूरोपीय अधिकारी ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि ऐसा न हो - अमेरिकी सहयोगियों के साथ जुड़कर और यूरोपीय पक्ष पर समन्वित और एकजुट रहकर। शुक्रवार तक अभी भी बहुत समय है।"
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भी इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन के भविष्य से संबंधित सभी चर्चाओं में कीव की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस की ओर से युद्ध समाप्त करने के लिए कोई संकेत नहीं हैं और यूक्रेन के सहयोगियों को शांति के लिए रूस पर दबाव डालना चाहिए। यह शिखर सम्मेलन, जो अलास्का के एंकरेज में संयुक्त बेस एल्मडॉर्फ-रिचर्डसन में आयोजित होने वाला है, राष्ट्रपति ट्रम्प और राष्ट्रपति पुतिन के बीच 2019 के बाद पहली आमने-सामने की बैठक होगी। इस बैठक का मुख्य एजेंडा रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजना है। हालांकि, यूरोपीय सहयोगियों ने चिंता जताई है कि यूक्रेन को चर्चाओं से बाहर रखने से मॉस्को को लाभ हो सकता है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने पहले संकेत दिया था कि किसी भी शांति समझौते में क्षेत्रीय अदला-बदली शामिल हो सकती है, जिससे यूरोपीय देशों में चिंता बढ़ गई है कि यूक्रेन को अनुचित रियायतें देने के लिए मजबूर किया जा सकता है। नाटो ने 2014 से यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पुरजोर समर्थन किया है, और इस बैठक में भी इस सिद्धांत को बनाए रखने पर जोर दिया गया है। जर्मन चांसलर मेर्ज़ ने पहले भी यूक्रेन को दीर्घकालिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में सहायता करने का वादा किया था, जो पश्चिमी प्रतिबंधों से मुक्त हों। यह कदम यूक्रेन के आत्मरक्षा के अधिकार और उसकी संप्रभुता के प्रति यूरोपीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह बैठक यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है ताकि वह अपनी चिंताओं को सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंचा सके और यह सुनिश्चित कर सके कि उसके राष्ट्रीय हित सर्वोपरि रहें।