वेनेजुएला की सरकार ने अगस्त 2025 में राजनीतिक कैदियों के एक समूह को रिहा किया है। यह कदम महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दबाव और हाल के विवादित चुनावों के बाद उठाया गया है। हालांकि, इस रिहाई के बावजूद, निरंतर दमन और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। विभिन्न स्रोतों के अनुसार, रिहा किए गए व्यक्तियों की संख्या अलग-अलग बताई गई है, जिसमें 225 और 107 का आंकड़ा सामने आया है। यह विसंगति पारदर्शिता के मुद्दों को उजागर करती है।
वेनेजुएला के मानवाधिकार संगठन 'फ़ोरो पेनाल' के अनुसार, जुलाई 2024 के चुनाव के बाद से 2,000 से अधिक मनमानी गिरफ्तारियां दर्ज की गई हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच जैसी संस्थाओं ने भी देश में व्यापक दुर्व्यवहारों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें राजनीतिक रूप से प्रेरित गिरफ्तारियां, यातना और अन्य अत्याचार शामिल हैं।
इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्षी नेता हेनरिक कैप्रिल्स ने कहा है कि वेनेजुएला में मतदान से परहेज करने से केवल मैडुरो को ही आसानी होती है। उनका मानना है कि राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी ही बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सभी राजनीतिक कैदियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया है और सरकार से मानवाधिकारों और कानून के शासन का सम्मान करने का आग्रह किया है।
जुलाई 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से, जिसे धोखाधड़ी के आरोपों के बीच मैडुरो ने जीता था, सरकार ने असंतोष के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इन रिहाइयों के बावजूद, मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टें बताती हैं कि स्थिति गंभीर बनी हुई है और ये रिहाई सरकार के असहमति के प्रति दृष्टिकोण में मौलिक बदलाव का संकेत नहीं दे सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, वेनेजुएला पर लोकतांत्रिक सुधारों और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए दबाव बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ जैसे संगठनों ने राजनीतिक कैदियों की तत्काल रिहाई और दमन को समाप्त करने की मांग की है। यह स्थिति देश के भविष्य और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ उसके संबंधों के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।