5 जुलाई, 2025 को, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के FinCEN ने तीन मैक्सिकन वित्तीय संस्थानों: CIBanco, Intercam Banco, और Vector Casa de Bolsa पर प्रतिबंध लगाए। ये प्रतिबंध ड्रग कार्टेल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को कथित रूप से सुविधाजनक बनाने के कारण लगाए गए थे।
इन प्रतिबंधों के कारण अमेरिकी बैंकों और मैक्सिकन संस्थानों के बीच कुछ लेनदेन प्रतिबंधित हो गए हैं। मैक्सिको के CNBV ने जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए CIBanco और Intercam Banco में अस्थायी प्रबंधकीय हस्तक्षेप शुरू किया है। यह हस्तक्षेप भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों के समान है।
मैक्सिकन सरकार ने अमेरिकी आरोपों का समर्थन करने वाले ठोस सबूतों की कमी पर चिंता व्यक्त की है। इन प्रतिबंधों के कारण ग्राहक विश्वास में कमी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों द्वारा सेवाओं की वापसी सहित महत्वपूर्ण परिणाम हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटनाक्रम का भारत जैसे विकासशील देशों पर भी असर पड़ सकता है, खासकर उन देशों में जहां वित्तीय संस्थानों में पारदर्शिता की कमी है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार इस स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और अपने वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है।