रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की इच्छा जताई है, लेकिन इसके लिए कुछ खास शर्तें रखी हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन में द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ पर एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन हुआ, जिसमें पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की उपस्थिति ने वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव के संकेत दिए। पुतिन ने कहा कि वे जेलेंस्की से मिलने को तैयार हैं, बशर्ते कि मुलाकात अच्छी तरह से तैयार हो और ठोस परिणाम दे। उन्होंने मुलाकात के लिए कुछ पूर्व-शर्तें भी रखीं, जिनमें यूक्रेन द्वारा मार्शल लॉ हटाना, चुनाव कराना और क्षेत्रीय मुद्दों पर जनमत संग्रह कराना शामिल है। ये शर्तें रूस द्वारा 2022 में यूक्रेन के चार क्षेत्रों के विलय के दावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें यूक्रेन और पश्चिमी देश मान्यता नहीं देते।
इस बीच, 2 सितंबर, 2025 को, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीजिंग में जापान की द्वितीय विश्व युद्ध में हार की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशाल सैन्य परेड का नेतृत्व किया। इस परेड में चीन की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। विशेष रूप से, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की उपस्थिति ने दोनों नेताओं के बीच पहली सार्वजनिक मुलाकात को चिह्नित किया, जिसे बदलते वैश्विक गठबंधनों और अमेरिका के नेतृत्व वाले विश्व व्यवस्था के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन नेताओं की आलोचना करते हुए अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं की यह उपस्थिति एक "उथल-पुथल के अक्ष" का निर्माण करती है, जो पश्चिमी-नेतृत्व वाले वैश्विक व्यवस्था को चुनौती देने का संकेत है। चीन, रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह बढ़ता तालमेल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को अस्थिर कर सकता है और क्षेत्रीय सुरक्षा जोखिमों को बढ़ा सकता है। रूस और उत्तर कोरिया के बीच हालिया रक्षा संधि ने सैन्य प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को सक्षम बनाया है, जबकि चीन की आर्थिक शक्ति उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों से बचने में मदद करती है।
यूक्रेन में, मार्शल लॉ लागू होने के कारण चुनाव और जनमत संग्रह कराना संवैधानिक रूप से वर्जित है। जब तक मार्शल लॉ जारी रहेगा, तब तक राष्ट्रीय और स्थानीय चुनाव नहीं हो सकते। यूक्रेन के अधिकांश नागरिक भी युद्ध के दौरान चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि इससे देश की रक्षा क्षमताएं कमजोर हो सकती हैं और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर सवाल उठ सकते हैं। यह भू-राजनीतिक परिदृश्य, जिसमें कूटनीतिक पहल और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन शामिल है, वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है। पुतिन की जेलेंस्की से मिलने की सशर्त तत्परता, भले ही यह संवाद का एक संभावित मार्ग सुझाती हो, लेकिन निर्धारित शर्तें यह दर्शाती हैं कि वास्तविक प्रगति अभी भी अनिश्चित है। वहीं, चीन, रूस और उत्तर कोरिया के बीच मजबूत होती कड़ियां वैश्विक शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे रही हैं।