10 अगस्त, 2025 को, गाजा पट्टी से इजरायल की ओर दो प्रोजेक्टाइल दागे जाने की खबर आई, जिससे क्षेत्र में हवाई चेतावनी सायरन बज उठे। यह घटना इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा हमास के गढ़ों के खिलाफ एक नए सैन्य आक्रमण की घोषणा के तुरंत बाद हुई, जिसका उद्देश्य बंधकों को छुड़ाना है। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने पुष्टि की कि गाजा से दो प्रोजेक्टाइल इजरायली क्षेत्र में दागे गए थे। सौभाग्य से, इस घटना में किसी के घायल होने या किसी भी तरह के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि हमास को "खत्म करने" और बंधकों को मुक्त कराने के लिए "काम पूरा करना" आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आक्रमण "काफी जल्दी" शुरू होने की उम्मीद है और नागरिकों के लिए सुरक्षित क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे। इस बीच, आईडीएफ स्थिति की निगरानी करना जारी रखे हुए है और सुरक्षा खतरों पर प्रतिक्रिया दे रहा है। इस घटना ने क्षेत्र में चल रही सुरक्षा चिंताओं और सैन्य गतिविधियों को उजागर किया है, जो एक बड़े इजरायली आक्रमण की पूर्व संध्या पर हुई है, जो संघर्ष के संभावित बढ़ने का संकेत देता है। यह घटना हमास द्वारा इजरायल से बंधकों को ले जाने के संदर्भ में हुई है, जो वर्तमान स्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि प्रदान करता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, इस योजना की व्यापक रूप से निंदा की गई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह निर्णय एक "खतरनाक वृद्धि" है और "लाखों फिलिस्तीनियों" और इजरायली बंधकों के लिए पहले से ही विनाशकारी परिणामों को गहरा करने का जोखिम उठाता है। फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर नेतन्याहू की योजना को "गलत" बताया और संयम बरतने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यह आक्रमण मानवीय संकट को और बढ़ाएगा और बंधकों के जीवन को खतरे में डालेगा। इजरायल के भीतर भी, इस योजना को लेकर राजनीतिक विभाजन है। इस बीच, इजरायली बंधकों के परिवारों ने सरकार के इस फैसले को "मौत की सजा" करार दिया है और देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह घटना गाजा में चल रहे तनाव और संघर्ष की जटिलता को दर्शाती है, जहां सैन्य कार्रवाई और मानवीय चिंताएं एक साथ मौजूद हैं।