होज़े एंटोनियो कास्ट की चिली राष्ट्रपति चुनाव में जीत: देश में दक्षिणपंथी बदलाव का संकेत
द्वारा संपादित: gaya ❤️ one
अति-रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ होज़े एंटोनियो कास्ट ने 14 दिसंबर 2025 को हुए चिली के राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में निर्णायक जीत हासिल की है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कास्ट को मतदाताओं के 58.16% मत प्राप्त हुए, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी, कम्युनिस्ट पार्टी की उम्मीदवार जनेट हैरा, 41.84% मतों पर सिमट गईं और उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली। यह जीत 1990 में सैन्य तानाशाही की समाप्ति के बाद से देश में सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणपंथी राजनीतिक मोड़ का प्रतीक है। यह परिणाम चिली की राजनीतिक दिशा में एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है।
परिणाम घोषित होने के बाद, कास्ट ने सैंटियागो स्थित अपनी रिपब्लिकन पार्टी के मुख्यालय में एक संबोधन दिया। उन्होंने चिली के नागरिकों से 'न्यायपूर्ण बदलाव' लाने तथा 'शांति, व्यवस्था, विकास और आशा की बहाली' का वादा किया। उन्होंने यह भी दृढ़ता से कहा कि उनका उद्देश्य चिली को अपराध, चिंता और भय से पुनः मुक्त कराना है। यह जीत कास्ट के लिए सर्वोच्च पद के लिए तीसरा प्रयास थी; उल्लेखनीय है कि 2021 में, उन्हें दूसरे दौर में वामपंथी नेता गैब्रियल बोरिक से हार का सामना करना पड़ा था, जो वर्तमान में राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।
होज़े एंटोनियो कास्ट का चुनावी घोषणापत्र मुख्य रूप से सुरक्षा और अप्रवासन के मोर्चों पर कड़े उपायों पर केंद्रित था। उन्होंने पेरू और बोलीविया के साथ लगी सीमा पर बाड़ लगाने और बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की योजना प्रस्तुत की। आर्थिक मोर्चे पर, कास्ट ने सरकारी खर्च में कटौती करके देश में व्याप्त ठहराव (स्टैग्नेशन) से निपटने की वकालत की। 2019 में रिपब्लिकन पार्टी की स्थापना करने वाले इस वकील और राजनीतिज्ञ ने गर्भपात और कठोर गर्भनिरोधक तरीकों के विरोध में अपने रूढ़िवादी रुख को भी मजबूती से दोहराया।
कास्ट की यह विजय क्षेत्रीय स्तर पर हो रहे बड़े राजनीतिक बदलावों के अनुरूप है, जहाँ हाल ही में अर्जेंटीना, इक्वाडोर और अल सल्वाडोर जैसे देशों में भी दक्षिणपंथी रुझान देखने को मिले हैं। चुनाव के पहले दौर, जो 16 नवंबर को हुआ था, उसमें हैरा 26.85% मतों के साथ आगे थीं, जबकि कास्ट 23.92% मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे, जिसके कारण दूसरे दौर का मतदान आवश्यक हो गया था। 18 जनवरी 1966 को जन्मे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 11 मार्च 2026 को पदभार ग्रहण करेंगे, जो देश में लोकतंत्र की बहाली के साथ शुरू हुए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चक्र के समापन का संकेत देता है।
इस चुनाव परिणाम ने विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि चिली की जनता ने स्थिरता और कड़े नियंत्रण की ओर अपना झुकाव क्यों दिखाया है। यह स्पष्ट है कि सामाजिक अशांति और आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में, मतदाताओं ने एक मजबूत नेतृत्व की तलाश की। कास्ट की जीत एक नए युग की शुरुआत करती है, जहाँ पिछली सरकारों की नीतियों की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव अपेक्षित हैं। यह देखना होगा कि वे अपने महत्वाकांक्षी वादों को किस प्रकार ज़मीन पर उतारते हैं।
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स्रोतों
Deutsche Welle
Суспільне | Новини
PBS News
Bangladesh Sangbad Sangstha (BSS)
The New York Times
KGOU - Oklahoma's NPR Source
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