1 सितंबर, 2025 को बुर्किना फासो की संसद ने एक ऐतिहासिक कानून पारित किया, जिसमें समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस नए कानून के तहत, समलैंगिक कृत्यों में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों को दो से पांच साल तक की जेल की सजा और जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।
न्याय मंत्री एडसो रोड्रिग बेयाला ने इस कदम को पारंपरिक विवाह और पारिवारिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने समलैंगिक कृत्यों को "विचित्र व्यवहार" करार दिया। यह कानून 2022 के तख्तापलट के बाद सत्ता में आई सैन्य जुंटा के शासन के तहत लागू हुआ है, जिसका नेतृत्व कैप्टन इब्राहिम ट्राओरे कर रहे हैं। ट्राओरे ने खुद को पश्चिमी प्रभाव से स्वतंत्रता के एक पैन-अफ्रीकी समर्थक के रूप में स्थापित किया है, और यह कानून उनके "पारंपरिक मूल्यों" को बनाए रखने के एजेंडे के अनुरूप है।
यह कदम बुर्किना फासो को अफ्रीका के उन देशों की सूची में शामिल करता है जहां समलैंगिकता पर प्रतिबंध है। युगांडा और घाना जैसे देशों ने भी हाल ही में कड़े कानून बनाए हैं। युगांडा में तो "गंभीर समलैंगिकता" के लिए मृत्युदंड तक का प्रावधान है, जबकि घाना में समलैंगिक यौन गतिविधियों के लिए तीन साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
मानवाधिकार संगठनों ने इस कानून पर चिंता व्यक्त की है और इसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के साथ असंगत बताया है। उनका मानना है कि यह कानून एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के व्यक्तियों के अधिकारों पर गंभीर प्रभाव डालेगा। यह कानून अफ्रीका में एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों के प्रति बढ़ते विरोध की प्रवृत्ति को दर्शाता है, जिसे अक्सर विदेशी प्रभाव के खिलाफ सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के रूप में उचित ठहराया जाता है।
इस कानून के तत्काल प्रभाव से, बुर्किना फासो में समलैंगिक संबंधों में शामिल व्यक्तियों को जेल की सजा और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। विदेशी नागरिकों के लिए, दोषी पाए जाने पर निर्वासन का भी प्रावधान है। सरकार का कहना है कि इस कानून को जागरूकता अभियान के माध्यम से लोकप्रिय बनाया जाएगा ताकि इसे पूरे देश में लागू किया जा सके। यह कानून देश के परिवार और नागरिकता कानूनों में व्यापक सुधार का हिस्सा है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।