21 अक्टूबर 2025 की वर्तमान तिथि पर, चीन का तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन सफलतापूर्वक तीन वर्षों से अधिक समय से परिचालन में है। यह राष्ट्रीय स्तर की एक प्रयोगशाला के रूप में कार्य कर रहा है, जो कई अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परियोजनाओं और गहन वैज्ञानिक अनुसंधान को आधार प्रदान करता है। यह स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में 340 से 450 किलोमीटर की ऊँचाई पर परिक्रमा करता है और चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम के तीसरे चरण का केंद्र बिंदु है।
मानव उपस्थिति और साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, चीन ने फरवरी 2025 में पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया। इस समझौते के तहत एक पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री का चयन और प्रशिक्षण किया जाएगा, जो तियांगोंग स्टेशन पर जाने वाला पहला विदेशी यात्री बनने की ओर अग्रसर है। इस चयन प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण पाकिस्तान में और बाद के चरण चीन में होंगे, जिसके 2026 तक पूर्ण होने की संभावना है। यह सहयोग दर्शाता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण अब किसी एक राष्ट्र की सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह साझा ज्ञान और प्रगति का एक मंच बन रहा है।
अपनी स्थापना के बाद से, तियांगोंग स्टेशन ने 180 से अधिक वैज्ञानिक परियोजनाओं को अंजाम दिया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में 300 टीबी से अधिक डेटा उत्पन्न हुआ है। अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों में मानव जीव विज्ञान, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण भौतिकी और अंतरिक्ष सामग्री विज्ञान शामिल हैं। उल्लेखनीय सफलताओं में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण की स्थितियों में चावल के नए जर्मप्लाज्म संसाधनों का सफल संवर्धन और कक्षा में मानव भ्रूण स्टेम कोशिकाओं के रक्त बनाने वाली कोशिकाओं में विभेदन पर किया गया शोध शामिल है। ये प्रयोग जीवन की मूलभूत प्रक्रियाओं को समझने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं, जो पृथ्वी पर संभव नहीं है।
अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति चीन की प्रतिबद्धता केवल स्टेशन तक ही सीमित नहीं है। मई 2025 में, चीन ने महत्वाकांक्षी तियानवेन-2 जांच का सफल प्रक्षेपण किया, जो क्षुद्रग्रह नमूना वापसी का पहला मिशन है। यह यान निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रह 2016 HO3 का दौरा करेगा, नमूने एकत्र करेगा, और फिर क्षुद्रग्रह 311P की ओर बढ़ेगा, जो लगभग दस वर्षों तक चलने वाला मिशन है। इसके अतिरिक्त, चांग'ई-6 मिशन में फ्रांस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और इटली के चार अंतर्राष्ट्रीय पेलोड शामिल थे, जिसने चंद्रमा की सतह से नमूने वापस लाए।
आगे की ओर देखते हुए, 14वीं पंचवर्षीय योजना (2026-2030) के दौरान, चीन गहरे अंतरिक्ष मिशनों की एक श्रृंखला की योजना बना रहा है। इसमें 2028 से पहले चांग'ई-7 और चांग'ई-8 चंद्र मिशनों का प्रक्षेपण और तियानवेन-3 मंगल नमूना वापसी मिशन शामिल है। ये प्रयास मानवयुक्त और मानवरहित दोनों तरह के अंतरिक्ष अन्वेषण में चीन की बढ़ती क्षमता और वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक स्पष्ट संकेत हैं, जो वैश्विक अंतरिक्ष परिदृश्य में सहयोग के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।