नासा के OSIRIS-REx मिशन द्वारा क्षुद्रग्रह बेनू से लाए गए नमूनों के विश्लेषण से जीवन की उत्पत्ति को समझने में महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए हैं। 2023 में पृथ्वी पर लाए गए इन नमूनों में कार्बनिक यौगिकों और खनिजों की एक विस्तृत श्रृंखला पाई गई है, जिसमें पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक 20 अमीनो एसिड में से 14 और डीएनए तथा आरएनए बनाने वाले सभी पांच न्यूक्लियोबेस शामिल हैं। ये खोजें बताती हैं कि बेनू जैसे क्षुद्रग्रहों ने प्रारंभिक पृथ्वी पर जीवन के निर्माण खंडों को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी।
नमूनों में पानी में घुलनशील फॉस्फेट की उपस्थिति से संकेत मिलता है कि बेनू के मूल पिंड में कभी तरल पानी रहा होगा, जिसने प्रीबायोटिक रसायन विज्ञान के लिए एक उपयुक्त वातावरण प्रदान किया होगा। इसके अतिरिक्त, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के हालिया निष्कर्षों से पता चलता है कि क्षुद्रग्रह बेनू और रयुगु अरबों साल पहले विघटित हुए एक ही विशाल मूल क्षुद्रग्रह से उत्पन्न हो सकते हैं। यह खोज क्षुद्रग्रह परिवारों के निर्माण और सौर मंडल में उनके फैलाव में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है। दोनों क्षुद्रग्रहों में समान स्पेक्ट्रा और संरचनाएं हैं, जो क्षुद्रग्रह 142 पोलाना से मिलती-जुलती हैं।
OSIRIS-REx मिशन 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था और इसने 2020 में बेनू से नमूने एकत्र किए थे, जिन्हें 24 सितंबर 2023 को पृथ्वी पर वापस लाया गया था। इस मिशन ने बेनू से कुल 122 ग्राम सामग्री एकत्र की, जो चंद्रमा से परे किसी क्षुद्रग्रह से एकत्र किया गया सबसे बड़ा नमूना माना जाता है। इन नमूनों में अमोनिया की उच्च सांद्रता भी पाई गई है, जो जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण रासायनिक निर्माण खंड है। ये निष्कर्ष सौर मंडल की प्रारंभिक अवस्था को समझने में क्षुद्रग्रह नमूना वापसी मिशनों के महत्व को रेखांकित करते हैं और पृथ्वी से परे जीवन की संभावना को भी उजागर करते हैं।