आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती ऊर्जा मांगों के बीच, Google ने बिजली की खपत को प्रबंधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने इंडियाना मिशिगन पावर (I&M) और टेनेसी वैली अथॉरिटी (TVA) के साथ डिमांड-रिस्पॉन्स समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते Google को बिजली की मांग के चरम समय के दौरान अपने AI डेटा सेंटरों में बिजली की खपत को अस्थायी रूप से कम करने की अनुमति देते हैं। यह पहल ग्रिड स्थिरता बनाए रखने और बिजली की लागत को कम करने में मदद करती है, जिससे अन्य उपभोक्ताओं को लाभ होता है। AI अनुप्रयोगों में वृद्धि के कारण 2024 में Google के डेटा सेंटरों की बिजली की खपत में 27% की वृद्धि देखी गई।
इस चुनौती का सामना करने के लिए, Google स्वच्छ ऊर्जा में भारी निवेश कर रहा है। 2024 में, कंपनी ने 2.5 गीगावाट की नई क्षमता जोड़ी और 2030 तक 24/7 कार्बन-मुक्त ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। ये नए डिमांड-रिस्पॉन्स समझौते Google की स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जो ऊर्जा-गहन उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ये समझौते Google की डिमांड-रिस्पॉन्स कार्यक्रमों में पहली आधिकारिक भागीदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पारंपरिक रूप से भारी उद्योगों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। यह बड़े डेटा सेंटरों को ग्रिड पर तनाव के समय अपनी बिजली के उपयोग को कम करने में सक्षम बनाता है, जिससे ब्लैकआउट को रोकने और अन्य ग्राहकों के लिए लागत कम करने में मदद मिलती है। यह पहल AI की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को स्थिरता के साथ संतुलित करने के लिए उद्योग के प्रयासों के साथ संरेखित होती है। एक महत्वपूर्ण शोध के अनुसार, यदि डेटा सेंटर अपनी ऊर्जा खपत में केवल 1% की कटौती करते हैं, तो मौजूदा पीढ़ी के साथ 126 गीगावाट तक की नई मांग को पूरा किया जा सकता है। Google ने 2024 में ओमाहा पब्लिक पावर डिस्ट्रिक्ट के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट में मशीन लर्निंग वर्कलोड के दौरान बिजली की मांग को सफलतापूर्वक कम करके इस दिशा में पहला कदम उठाया था। यह कदम दर्शाता है कि कैसे AI की ऊर्जा की आवश्यकताएं ग्रिड प्रबंधन के लिए नए समाधानों को प्रेरित कर रही हैं। यह पहल न केवल Google के संचालन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दुनिया भर में ऊर्जा प्रणालियों को डीकार्बोनाइज करने के लिए एक व्यापक प्रयास का भी हिस्सा है। यह दर्शाता है कि कैसे प्रौद्योगिकी और स्थिरता एक साथ मिलकर भविष्य की ऊर्जा चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।