मुंबई, 4 अक्टूबर 2025 - संगीत की दुनिया में एक ऐतिहासिक पल आया जब नौवें वार्षिक YES BANK बॉलीवुड म्यूजिक प्रोजेक्ट 2025 का आगाज हुआ। यह उत्सव «ऑल फीलिंग्स, ऑल हिट्स» के आदर्श वाक्य के तहत आयोजित किया जाएगा। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ ग्रैमी पुरस्कार विजेता संगीतकार और गायक शंकर महादेवन के शानदार प्रदर्शन से हुआ। उनके साथ इस संगीतमय यात्रा में एहसान नूरानी, लॉय मेंडोंसा, फरहान अख्तर, शान और प्रसिद्ध तालवादक शिवमणि भी शामिल हुए। इस कॉन्सर्ट में पिछले दो दशकों के सबसे लोकप्रिय बॉलीवुड गानों को प्रस्तुत किया गया, जिसने श्रोताओं को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया।
शंकर महादेवन ने एक विशेष साक्षात्कार में संगीत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने AI को रचनात्मकता के लिए एक चुनौती के बजाय एक सहायक उपकरण के रूप में देखा। महादेवन ने इस बात पर जोर दिया कि संगीत उद्योग में मानव निर्णय और AI के नैतिक उपयोग का संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दृष्टिकोण संगीत की आत्मा को बनाए रखते हुए तकनीकी प्रगति को अपनाने की एक परिपक्व समझ को दर्शाता है। AI संगीत निर्माण में एक सहायक भूमिका निभा सकता है, जैसे कि नए धुन या सुझाव उत्पन्न करना, लेकिन अंतिम रचनात्मक निर्णय हमेशा मानव कलाकार का होना चाहिए।
महादेवन ने युवा संगीतकारों को सलाह दी कि वे वायरल ट्रेंड्स के बजाय संगीत के सौंदर्यशास्त्र और भावनात्मक गहराई पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि संगीत की मौलिकता को बनाए रखने के लिए कलाकारों को इसके निर्माण के सभी पहलुओं को अपनाना चाहिए। यह सलाह संगीत की कलात्मक अखंडता को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डालती है, जो क्षणिक लोकप्रियता से परे जाकर स्थायी प्रभाव पैदा करती है।
बॉलीवुड म्यूजिक प्रोजेक्ट 2025, जिसे एशिया का सबसे बड़ा बॉलीवुड संगीत समारोह कहा जा रहा है, 4 और 5 अक्टूबर 2025 को मुंबई के जियो वर्ल्ड गार्डन में आयोजित किया जा रहा है। इस दो दिवसीय उत्सव में 25,000 से अधिक दर्शकों के आने की उम्मीद है। यह महोत्सव इंटरैक्टिव इंस्टॉलेशन, फूड कोर्ट, ब्रांड एक्टिवेशन जोन और रचनात्मक मेलों की भी पेशकश करता है, जो उत्सव के माहौल में पूर्ण विसर्जन प्रदान करता है। संगीत के विकास के इतिहास को देखें तो बॉलीवुड संगीत ने दशकों में एक लंबा सफर तय किया है। 1930 के दशक की क्लासिकल धुनों से लेकर 1960-70 के दशक के रोमांटिक गीतों, 1980-90 के दशक के डिस्को और डांस बीट्स, और 2000 के दशक के बाद के फ्यूजन-आधारित, टेक-संचालित संगीत तक, बॉलीवुड संगीत ने सांस्कृतिक बदलावों, तकनीकी प्रगति और वैश्विक प्रभावों के साथ लगातार तालमेल बिठाया है, जबकि अपनी मौलिकता को बनाए रखा है।
AI का संगीत उद्योग पर प्रभाव एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। जहाँ कुछ लोग इसे रचनात्मकता के लिए खतरा मानते हैं, वहीं शंकर महादेवन जैसे कलाकार इसे एक सहायक उपकरण के रूप में देखते हैं जो मानव प्रतिभा को बढ़ा सकता है। AI संगीत निर्माण, उत्पादन और वितरण में क्रांति ला रहा है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह मानव कलाकारों की जगह न ले। इस संगीत समारोह का उद्देश्य प्रेम, खुशी और यादगार संगीत की एक शाम प्रदान करना था, जो श्रोताओं को भारतीय संगीत की समृद्ध विरासत से जोड़ता है।
शंकर महादेवन, एहसान नूरानी और लॉय मेंडोंसा की तिकड़ी, जिन्हें शंकर-एहसान-लॉय के नाम से जाना जाता है, ने 'दिल चाहता है' (2001) और 'कल हो ना हो' (2003) जैसी फिल्मों के संगीत से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। फरहान अख्तर, जो एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, ने अभिनय, निर्देशन और गायन में अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने 'रॉक ऑन!!' (2008) जैसी फिल्मों में अपने गायन से दर्शकों का दिल जीता है। शान, जिन्हें 'गोल्डन वॉयस ऑफ इंडिया' के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने मधुर गायन से बॉलीवुड में एक विशेष स्थान बनाया है। तालवादक शिवमणि, जिन्हें 'ड्रम्स' शिव के नाम से भी जाना जाता है, अपनी अनूठी ताल वादन शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने ए.आर. रहमान जैसे दिग्गजों के साथ काम किया है और अपनी कला से दुनिया भर में पहचान बनाई है।
यह आयोजन न केवल संगीत की प्रस्तुति का मंच था, बल्कि यह संगीत की बदलती दुनिया और उसमें AI जैसी नई तकनीकों के समावेश पर एक विचारोत्तेजक संवाद का अवसर भी था। कलाकारों ने अपनी कला को समृद्ध करने के लिए इन नई तकनीकों को अपनाने की इच्छा व्यक्त की, साथ ही मानवीय स्पर्श और रचनात्मकता के महत्व पर भी जोर दिया।