'वश', एक गुजराती मनोवैज्ञानिक हॉरर-थ्रिलर, ने 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ गुजराती फिल्म का पुरस्कार जीतकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए अभिनेत्री जानकी बोडीवाला को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से भी नवाजा गया है। यह उपलब्धि गुजराती सिनेमा के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई है, जिसने रचनात्मकता की सीमाओं को आगे बढ़ाया है और भविष्य की क्षेत्रीय फिल्मों के लिए एक नया मानक स्थापित किया है।
नई दिल्ली में आयोजित इस प्रतिष्ठित समारोह में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित किया। 'वश' के निर्देशक कृष्णदेव यज्ञिक और निर्माता कल्पेश सोनी ने फिल्म के लिए पुरस्कार स्वीकार किया। निर्माताओं ने इस मान्यता के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उन्हें और अधिक प्रभावशाली सिनेमा बनाने के लिए प्रेरित करती है और यह गुजराती फिल्मों के लिए एक नए युग की शुरुआत है। निर्देशक कृष्णदेव यज्ञिक ने मनोवैज्ञानिक हॉरर जैसे कम खोजे गए जॉनर में राष्ट्रीय पहचान के महत्व पर प्रकाश डाला।
जानकी बोडीवाला ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति से यह पुरस्कार मिलना उनके करियर का सबसे बड़ा क्षण है। 2023 में रिलीज हुई इस फिल्म को इसके दमदार प्रदर्शन, रोमांचक पटकथा और सिनेमैटोग्राफी के लिए सराहा गया था। 'वश' की सफलता गुजराती सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
'वश' की सफलता ने इसके हिंदी रीमेक 'शैतान' (2024) को भी प्रेरित किया, जिसमें अजय देवगन, आर. माधवन और ज्योतिका जैसे सितारे थे, और जिसने दुनिया भर में 213.55 करोड़ रुपये की कमाई की। कृष्णदेव यज्ञिक, जो 'छेलो दिवस' और 'शू थायु?' जैसी सफल गुजराती फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, ने 'वश' के साथ एक नए जॉनर में कदम रखा। उनकी पिछली फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था और उन्हें गुजराती सिनेमा में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में गिना जाता है। जानकी बोडीवाला, जिन्होंने डेंटल सर्जरी में डिग्री हासिल की है, ने अभिनय को अपने जुनून के रूप में चुना और 'वश' में अपने प्रदर्शन से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की। उन्होंने 'वश लेवल 2' में भी अपनी भूमिका दोहराई, जो 27 अगस्त 2025 को रिलीज हुई थी। यह फिल्म गुजराती सिनेमा की बढ़ती क्षमता और राष्ट्रीय मंच पर अपनी जगह बनाने की क्षमता को दर्शाती है।