साल 2025 में, डिजिटल दुनिया के बीच एनालॉग कैमरों का बाज़ार एक बार फिर से फल-फूल रहा है। कोडाक, फुजीफिल्म और पोलरॉइड जैसी कंपनियां इस खास बाज़ार में अपनी जगह बना रही हैं, और इस ट्रेंड को बढ़ावा देने में जनरेशन Z का बड़ा हाथ है। आजकल के युवा, जो स्मार्टफोन की परफेक्ट फोटोग्राफी से हटकर कुछ अलग तलाश रहे हैं, वे फिल्म कैमरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। टिकटॉक और पिंटरेस्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर फिल्म फोटोग्राफी का क्रेज साफ देखा जा सकता है। एनालॉग तस्वीरों में दिखने वाला ग्रेन (दानेदारपन) और थोड़ी अपूर्णता को युवा पीढ़ी ज़्यादा व्यक्तिगत और प्रामाणिक मानती है। यह उन्हें अपनी सामग्री में रचनात्मकता और विशिष्टता जोड़ने का मौका देता है, जो आज की डिजिटल दुनिया में एक खास पहचान बनाने में मदद करता है।
फुजीफिल्म का इंस्टैक्स (Instax) लाइन इस ट्रेंड का एक प्रमुख उदाहरण है। कंपनी ने पिछले कुछ सालों में अपने इंस्टैक्स कैमरों की उत्पादन क्षमता बढ़ाई है क्योंकि वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है। अप्रैल 2025 तक, इंस्टैक्स ने दुनिया भर में 100 मिलियन से ज़्यादा यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है, और कंपनी लगातार चार साल से रिकॉर्ड बिक्री दर्ज कर रही है। फुजीफिल्म के कंज्यूमर इमेज ग्रुप के जनरल मैनेजर, रयुइचिरो ताकाई के अनुसार, इंस्टैक्स की यह लोकप्रियता आधुनिक डिजिटल फोटोग्राफी की दक्षता और स्पष्टता के बिल्कुल विपरीत है, और यह उन लोगों के लिए एक नया मनोरंजन का रूप बन गया है जो डिजिटल कैमरों को सामान्य मानते हैं।
कोडाक ने भी इस ट्रेंड को भुनाने के लिए 'चारमेरा' (Charmera) जैसा कैमरा लॉन्च किया है, जो पुराने डिज़ाइन को आधुनिक डिजिटल सुविधाओं के साथ जोड़ता है। यह मिनी कीचेन कैमरा 1987 के कोडाक फ्लिंग (Kodak Fling) से प्रेरित है और सात अलग-अलग विंटेज डिज़ाइनों में उपलब्ध है। यह सात विंटेज फिल्टर और डेट स्टैम्प जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है, और फाइलों को USB-C के माध्यम से ट्रांसफर किया जा सकता है। कोडाक का लक्ष्य 'रेट्रो-चिक' बाज़ार को पकड़ना है, जहाँ लोग अपनी सामग्री को अलग दिखाने के साथ-साथ सुविधा भी चाहते हैं। फुजीफिल्म के इंस्टैक्स और पोलरॉइड के इंस्टेंट कैमरों की सफलता भी इसी बात का प्रमाण है कि लोग आज भी स्पर्शनीय (tangible) और अधिक विचारशील रचनात्मक प्रक्रिया को महत्व देते हैं।
फिल्म फोटोग्राफी की वापसी के पीछे कई कारण हैं। इसकी एक बड़ी वजह है इसकी अनूठी विज़ुअल अपील, जिसमें प्राकृतिक ग्रेन, रिच कलर और एक गहराई होती है जिसे डिजिटल इमेज में दोहराना मुश्किल होता है। इसके अलावा, फिल्म का इस्तेमाल एक अधिक सचेत और जानबूझकर की जाने वाली फोटोग्राफी प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है। हर शॉट के साथ सीमित एक्सपोज़र होने के कारण, फोटोग्राफर हर फ्रेम को सावधानी से कंपोज़ करते हैं, जो डिजिटल फोटोग्राफी की 'जितनी मर्ज़ी क्लिक करो' वाली संस्कृति से बिल्कुल अलग है। यह धीमी और अधिक केंद्रित प्रक्रिया फोटोग्राफी को अधिक सार्थक और संतोषजनक बनाती है। सोशल मीडिया ने भी फिल्म फोटोग्राफी के इस ट्रेंड को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर फिल्म फोटोग्राफरों द्वारा साझा की गई तस्वीरें दूसरों को भी इस माध्यम को आज़माने के लिए प्रेरित कर रही हैं। यह ट्रेंड सिर्फ़ एक क्षणिक आकर्षण नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि युवा पीढ़ी प्रामाणिकता, रचनात्मकता और एक अलग तरह के अनुभव की तलाश में है, जो उन्हें आज की डिजिटल दुनिया में एक अनूठी पहचान बनाने में मदद करता है।