चीन ने 11 सितंबर, 2025 को यांग्त्ज़ी नदी पर दुनिया के सबसे लंबे केबल-स्टेड ब्रिज का उद्घाटन किया है। यह इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है जो जियांग्सू प्रांत में चांगझौ और ताइझोउ शहरों को जोड़ता है। 10.3 किलोमीटर की कुल लंबाई और 1,208 मीटर के मुख्य स्पैन के साथ, यह पुल न केवल एक परिवहन लिंक है, बल्कि एक महत्वपूर्ण आर्थिक विकास का प्रतीक भी है।
इस छह साल की निर्माण अवधि वाले पुल ने दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को एक घंटे से घटाकर मात्र 20 मिनट कर दिया है। यह उल्लेखनीय कमी पुल के एक ही ढांचे में राजमार्ग, स्थानीय सड़क और अंतर-शहर रेलवे को एकीकृत करने की नवीन डिजाइन के कारण संभव हुई है। यह बड़े पैमाने पर पुल डिजाइन में एक महत्वपूर्ण नवाचार है। पुल की एक प्रमुख विशेषता इसके निचले डेक का असममित डिजाइन है, जिसमें एक तरफ 200 किमी/घंटा की गति वाली रेलवे लाइन और दूसरी तरफ एक नियमित राजमार्ग है। यह व्यवस्था यातायात प्रवाह और स्थान के उपयोग को अनुकूलित करती है। इस अनूठी डिजाइन को संतुलित करने के लिए, इंजीनियरों ने केबल के तनाव को समायोजित किया और पुल के पूर्वनिर्मित खंडों को कैलिब्रेट किया, जिससे इंजीनियरिंग की चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ।
इस पुल के निर्माण में कई विश्व-प्रथम तकनीकों का उपयोग किया गया है। इसमें दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज-डेक क्रेन शामिल है, जो मिलीमीटर-स्तर की सटीकता के साथ भारी खंडों को स्थापित करने में सक्षम है। इसके अलावा, पुल की नींव को यांग्त्ज़ी नदी की शक्तिशाली धाराओं का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसमें तापमान परिवर्तन के अनुकूल होने के लिए लचीले जोड़ भी शामिल हैं।
इस पुल के निर्माण से यांग्त्ज़ी नदी डेल्टा क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बेहतर कनेक्टिविटी से लोगों और माल की आवाजाही आसान होगी, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना चीन की नवाचार और विश्व स्तरीय परिवहन अवसंरचना के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, और पुल इंजीनियरिंग में नए मानक स्थापित करती है। यह उपलब्धि चीन की इंजीनियरिंग क्षमता और बुनियादी ढांचे के विकास की महत्वाकांक्षाओं का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर तकनीकी नेतृत्व की छवि पेश करती है। यह पुल न केवल शहरों के बीच एक भौतिक संबंध का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि इंजीनियरिंग और आर्थिक विकास में भविष्य की संभावनाओं के लिए एक सेतु का भी काम करता है।