वर्तमान सौर चक्र का सबसे शक्तिशाली प्रहार 'अग्नि अश्व' पृथ्वी की ओर ला रहा है

लेखक: Uliana S.

X5.1 फ्लेयर के दौरान सूर्य पर धधकता पेगासस

11 नवंबर, 2025 को सूर्य की सतह पर एक ऐसी घटना घटी जिसने संपूर्ण वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। जब सूर्य पर X5.15 श्रेणी का एक अत्यंत शक्तिशाली सौर प्रस्फुटन (solar flare) हुआ, तो कुछ ही क्षणों के लिए एक विशाल, जलते हुए 'अग्नि अश्व' (Fiery Pegasus) जैसी आकृति उभर आई। यह काव्यात्मक दृश्य भले ही मनमोहक रहा हो, लेकिन वास्तव में यह एक गंभीर आसन्न खतरे का संकेत था, जो अब तक के सबसे बड़े सौर तूफानों में से एक बनने जा रहा है।

सूर्यीय फ्लेयर X5.1 11.11.2025 से

दोपहर लगभग 12:00 UTC पर इस प्रस्फुटन के तुरंत बाद, वेधशालाओं (observatories) ने बड़े पैमाने पर कोरोनल मास इजेक्शन (CME) को रिकॉर्ड किया। तीन सक्रिय क्षेत्रों ने एक साथ अंतरग्रहीय अंतरिक्ष में चुंबकीय-प्लाज्मा संरचनाओं को बाहर निकाल दिया। शुरुआती आंकड़ों से पता चला कि इजेक्शन का केंद्र सूर्य-पृथ्वी सीधी रेखा से 20 डिग्री हटकर था, जिसने वैज्ञानिकों को यह उम्मीद दी कि शायद पृथ्वी पर आने वाला प्रभाव कुछ कम हो जाएगा और हम सीधे टकराव से बच जाएंगे।

एक ही वीडियो में तीनों द्रव्यमान उत्सर्जन।

हालाँकि, जल्द ही निराशावादी भविष्यवाणियाँ सच होने लगीं। शाम लगभग 18:00 UTC पर, पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित लैग्रेंज बिंदु L1 पर मौजूद अंतरिक्ष यानों पर सौर प्रोटॉन के बादल ने हमला कर दिया। डिटेक्टरों पर दिखाई देने वाले विशिष्ट 'शोर' (noises), जो ऐतिहासिक तूफानों से पहले देखे गए थे, ने स्पष्ट रूप से पुष्टि कर दी कि प्लाज्मा का मुख्य बादल अब सीधे हमारे ग्रह की ओर बढ़ रहा है और दिशा में परिवर्तन की शुरुआती उम्मीदें धूमिल हो गईं।

NOAA मॉडल एक कैनिबल CME दिखाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) द्वारा 12 नवंबर को लगभग 00:30 UTC पर जारी किए गए आकलन ने इस घटना की चरम विशेषताओं को प्रमाणित किया। NOAA ने इसे वर्तमान 25वें सौर चक्र का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड-तोड़ सौर तूफान बताया। एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी कि इस विशाल सौर घटना का अग्रिम प्रहार (advancing strike) आने वाले कुछ ही घंटों में पृथ्वी तक पहुंच सकता है, जिससे उपग्रह संचार और ग्रिड प्रणालियों पर खतरा मंडरा रहा है।

तीन अपेक्षित प्लाज्मा बादलों में से पहले का अग्रभाग 12 नवंबर की सुबह L1 बिंदु पर उपग्रहों तक पहुंच गया। पूर्वानुमानों के अनुसार, यह पहला बादल दिन के दौरान पृथ्वी पर पहुंचना था। लेकिन सबसे बड़ा खतरा X5.15 प्रस्फुटन से निकले तीसरे और सबसे शक्तिशाली इजेक्शन से है, जिसकी गति रिकॉर्ड तोड़ है। वैज्ञानिक अभी भी सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि प्रभाव की तीव्रता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या ये बादल रास्ते में आपस में विलीन होकर एक विशालकाय तूफान का रूप ले लेते हैं। हालांकि, सभी मॉडलों में एक बात समान है: हमारे ग्रह को 24 घंटों के भीतर तीन प्रहारों की एक अभूतपूर्व श्रृंखला झेलनी होगी, जिसका चरम 12-13 नवंबर, 2025 के बीच आने की आशंका है।

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