हिरोशिमा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भौतिकी के दो मूलभूत स्तंभों - सापेक्षता और क्वांटम सिद्धांत - के चौराहे पर स्थित एक रहस्यमय घटना, उनरुह प्रभाव का पता लगाने के लिए एक अभूतपूर्व और अत्यधिक संवेदनशील विधि का अनावरण किया है। 23 जुलाई, 2025 को फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित यह शोध, मौलिक भौतिकी की हमारी समझ को गहरा करने और उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए नए रास्ते खोलता है।
उनरुह प्रभाव, जिसे फुलिंग-डेविस-उनरुह प्रभाव के रूप में भी जाना जाता है, एक आकर्षक भविष्यवाणी है कि एक त्वरित पर्यवेक्षक निर्वात (vacuum) को कणों के एक तापीय स्नान (thermal bath) के रूप में अनुभव करता है, जबकि एक जड़त्वीय पर्यवेक्षक (inertial observer) इसे खाली स्थान के रूप में देखता है। यह विरोधाभासी विचार इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे गति धारणा को प्रभावित करती है, यहाँ तक कि अंतरिक्ष की सबसे बुनियादी अवस्थाओं को भी। इस प्रभाव को प्रयोगात्मक रूप से सत्यापित करना दशकों से एक बड़ी चुनौती रही है, क्योंकि इसके लिए 10^20 मीटर प्रति सेकंड वर्ग के अविश्वसनीय रूप से उच्च त्वरण की आवश्यकता होती है, जो वर्तमान तकनीक की पहुंच से बाहर है।
इस बाधा को दूर करने के लिए, हिरोशिमा विश्वविद्यालय की टीम ने एक नवीन दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने युग्मित एनुलर जोसेफसन जंक्शनों (coupled annular Josephson junctions) के भीतर मेटास्टेबल फ्लक्सन-एंटीफ्लक्सन जोड़ों (metastable fluxon-antifluxon pairs) की वृत्ताकार गति का उपयोग करने वाली एक विधि प्रस्तावित की है। सुपरकंडक्टिंग माइक्रोफैब्रिकेशन में प्रगति ने अत्यंत छोटे त्रिज्या वाले सर्किट के निर्माण को सक्षम किया है, जो प्रभावी रूप से बहुत उच्च त्वरण उत्पन्न करते हैं। यह सेटअप कुछ केल्विन के उनरुह तापमान (Unruh temperature) उत्पन्न करता है, जो प्रयोगात्मक रूप से पता लगाने योग्य है। इस अनूठी प्रायोगिक व्यवस्था में, वृत्ताकार त्वरण द्वारा प्रेरित 'क्वांटम गर्माहट' (quantum warmth) उतार-चढ़ाव पैदा करती है जो मेटास्टेबल फ्लक्सन-एंटीफ्लक्सन जोड़ों के विभाजन को ट्रिगर करती है। यह विभाजन एक स्पष्ट, मैक्रोस्कोपिक वोल्टेज जंप (voltage jump) के रूप में प्रकट होता है, जो उनरुह प्रभाव की उपस्थिति का एक प्रत्यक्ष और मापने योग्य हस्ताक्षर प्रदान करता है। इन वोल्टेज जंप के वितरण का सांख्यिकीय विश्लेषण करके, शोधकर्ता उच्च सटीकता के साथ उनरुह तापमान को माप सकते हैं।
प्रोफेसर एमरिटस नोरियुकी हाटाकेनाका के अनुसार, "हमारे काम का उद्देश्य एक नवीन और व्यवहार्य प्रायोगिक विधि का प्रस्ताव करके इस मौलिक बाधा को दूर करना है।" सहायक प्रोफेसर हारुना कातायामा ने आगे कहा, "एक त्वरित पर्यवेक्षक द्वारा अनुभव किए जाने वाले 'निर्वात की क्वांटम गर्माहट' को मापने का यह एक यथार्थवादी तरीका है।" इस शोध के निहितार्थ दूरगामी हैं। उनरुह प्रभाव का प्रायोगिक सत्यापन न केवल सापेक्षता और क्वांटम यांत्रिकी के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी को मजबूत करेगा, बल्कि स्पेसटाइम की प्रकृति में भी गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। यह कार्य उन्नत क्वांटम सेंसिंग प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भविष्य के अनुप्रयोगों का मार्ग प्रशस्त करने की क्षमता रखता है। टीम का लक्ष्य क्षय प्रक्रियाओं का विस्तृत विश्लेषण करना और अन्य क्वांटम क्षेत्रों के साथ संभावित कनेक्शन की जांच करना है, जिसका उद्देश्य भौतिकी के सभी नियमों के एक एकीकृत सिद्धांत की खोज में महत्वपूर्ण योगदान देना है। यह प्रगति मौलिक भौतिकी में नए रास्ते खोलती है और स्पेसटाइम और क्वांटम वास्तविकता की वास्तविक प्रकृति की आगे की खोज को प्रेरित करती है।