स्वच्छ और असीमित ऊर्जा की खोज तेज हो रही है, फ्यूजन और हाइब्रिड फ्यूजन-विखंडन प्रौद्योगिकियों दोनों में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। चीन Xinghuo परियोजना में $27.6 बिलियन का निवेश कर रहा है, जो फ्यूजन और विखंडन को मिलाकर एक हाइब्रिड रिएक्टर है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 30 से अधिक का Q-वैल्यू प्राप्त करना है। याओहू साइंस आइलैंड पर स्थित यह महत्वाकांक्षी परियोजना, शुद्ध फ्यूजन की सीमाओं को पार करने का प्रयास करती है। साथ ही, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट से अलग हुए एक जर्मन स्टार्टअप, प्रोक्सिमा फ्यूजन, एक स्टेलरेटर रिएक्टर विकसित कर रहा है। उनका लक्ष्य उच्च तापमान वाले सुपरकंडक्टरों का उपयोग करके एक कॉम्पैक्ट, लागत प्रभावी रिएक्टर का निर्माण करना है, जिसका लक्ष्य 10 का Q-वैल्यू है। प्रोक्सिमा फ्यूजन ने पहले ही €60 मिलियन जुटा लिए हैं और 2027 तक अपने प्रदर्शक, अल्फा का निर्माण शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसका लक्ष्य 2031 तक उससे अधिक ऊर्जा का उत्पादन करना है। जबकि चुनौतियां बनी हुई हैं, जिसमें ट्रिटियम की उपलब्धता और सामग्री विज्ञान की बाधाएं शामिल हैं, ये परियोजनाएं फ्यूजन ऊर्जा की क्षमता को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत देती हैं।
फ्यूजन ऊर्जा की दौड़ तेज: चीन का हाइब्रिड रिएक्टर और जर्मन स्टार्टअप का स्टेलरेटर सफलता का लक्ष्य
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