वैज्ञानिकों ने ईपीआई-क्लोन नामक एक नया रक्त परीक्षण विकसित किया है जो रक्त कोशिकाओं में डीएनए मिथाइलेशन पैटर्न का विश्लेषण करके जैविक उम्र का अनुमान लगाता है। इस परीक्षण का उपयोग संभावित रूप से नैदानिक अभ्यास में किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ने की दर और उम्र से संबंधित बीमारियों के जोखिम का आकलन करने के लिए किया जा सकता है।
बार्सिलोना में किए गए अध्ययन से पता चला है कि उम्र के साथ रक्त कोशिका विविधता कम हो जाती है, जबकि सूजन पैदा करने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाएं बढ़ जाती हैं, जिससे 'इन्फ्लेमेजिंग' नामक एक घटना होती है। इन सूजन कोशिकाओं को कम करने से उम्र से संबंधित बीमारियों की शुरुआत में देरी हो सकती है।
ईपीआई-क्लोन परीक्षण रक्त में मिथाइलेशन पैटर्न का विश्लेषण करता है, यह दर्शाता है कि क्या रक्त कोशिकाएं युवा व्यक्तियों की विशेषता वाली विविधता को बनाए रखती हैं। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह परीक्षण उम्र बढ़ने के खिलाफ निवारक उपायों को सक्षम करेगा और स्वस्थ उम्र बढ़ने को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।