मिस्र के अधिकारियों ने 21 अगस्त, 2025 को अबू क़िर खाड़ी के पानी में एक प्राचीन डूबे हुए शहर के अवशेषों का अनावरण किया। यह खोज, जो 2,000 साल से अधिक पुरानी है, प्राचीन कैनोपस शहर के विस्तार का प्रतिनिधित्व कर सकती है, जो टॉलेमिक राजवंश और रोमन साम्राज्य के दौरान एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यह शहर भूकम्पों और समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण जलमग्न हो गया था, जिससे ऐतिहासिक अवशेषों का खजाना पीछे छूट गया।
खुदाई में इमारतों, प्राचीन बंदरगाह के अवशेष, और विभिन्न कलाकृतियाँ मिली हैं। इनमें टॉलेमिक और रोमन काल के बंदरगाह के पास एक 125 मीटर लंबा डॉक भी शामिल है, जिसका उपयोग छोटी नौकाओं के लिए 12वीं शताब्दी तक किया जाता था। इस डॉक पर एक व्यापारी जहाज, पत्थर के लंगर और एक बंदरगाह क्रेन भी पाए गए हैं। पुरातत्वविदों को पूर्व-रोमन काल की शाही हस्तियों और स्फिंक्स की मूर्तियाँ भी मिली हैं, जिनमें रामसेस द्वितीय के कार्टूच के साथ एक आंशिक रूप से संरक्षित स्फिंक्स भी शामिल है। चूना पत्थर की इमारतें, जो संभवतः पूजा या निवास के लिए थीं, साथ ही जल भंडारण और मछली पालन के लिए जलाशय और तालाब भी मिले हैं।
मिस्र के पर्यटन और पुरातन वस्तु मंत्री, शरीफ फथी ने बताया कि केवल विशिष्ट सामग्री को ही सतह पर लाया जा रहा है, जबकि बाकी को डूबे हुए विरासत के रूप में संरक्षित रखा जाएगा। यह निर्णय इस क्षेत्र की नाजुकता और भविष्य के लिए इसके महत्व को दर्शाता है। यह खोज अलेक्जेंड्रिया के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो जलवायु परिवर्तन और समुद्र के बढ़ते स्तर से गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। अनुमान है कि 2050 तक शहर का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब सकता है।
इस पृष्ठभूमि में, मिस्र अबू क़िर खाड़ी में एक पानी के नीचे संग्रहालय बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। यह संग्रहालय मिस्र के डूबे हुए प्राचीन शहरों को एक सांस्कृतिक पर्यटन आकर्षण के रूप में प्रदर्शित करेगा। यह परियोजना न केवल देश की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने में मदद करेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। यह ध्यान देने योग्य है कि इस तरह की पानी के नीचे की संग्रहालय परियोजनाएं दुनिया भर में दुर्लभ हैं, और मिस्र इस क्षेत्र में अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है। यह प्रयास अलेक्जेंड्रिया के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करता है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसके संरक्षण की आवश्यकता पर बल देता है।