पुगलिया, इटली के टारंटो प्रांत के मैंडुरिया शहर में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज हुई है। नई सीवेज लाइनों के निर्माण के दौरान, चौथी शताब्दी ईसा पूर्व का एक हेलेनिस्टिक काल का कक्ष मकबरा मिला है। यह खोज मैंडुरिया के पुरातात्विक महत्व को और पुष्ट करती है, जो मेस्सैपियन सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रहा है। यह मकबरा दो कमरों वाला है।
पहले कमरे, जिसे ड्रोमोस या प्रवेश कक्ष माना जा रहा है, में लाल रंग की प्लास्टर की परत के निशान हैं, जिस पर एक उभरी हुई सफेद पट्टी बनी हुई है। इस कक्ष से चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के ग्रीक मिट्टी के बर्तन, जैसे फूलदान, तेल के दीपक और प्लेटें मिली हैं। ये वस्तुएं अपनी मूल स्थिति में पाई गई हैं, जो उस काल की कला और संस्कृति की झलक देती हैं। मुख्य दफन कक्ष में एक नक्काशीदार पत्थर का सरकोफेगस (ताबूत) मिला है, जो दर्शाता है कि मकबरा किसी उच्च सामाजिक स्थिति वाले व्यक्ति का है। कक्ष के अंदर, हड्डी की राख के अवशेष और चार आयताकार पत्थर के सहारे मिले हैं, जो संभवतः लकड़ी के बिस्तर के लिए थे। मकबरे के प्रवेश द्वार पर एक अलंकृत पत्थर की चौखट है, जो इसे एक विशिष्ट वास्तुकला का रूप देती है। इस मकबरे के साथ एक रोमन गणराज्य का सिक्का भी मिला है, जो रोमन काल के दौरान भी इस क्षेत्र के उपयोग या यात्रा का संकेत देता है।
यह खोज मेस्सैपियन लोगों की अंतिम संस्कार प्रथाओं में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। मेस्सैपियन, जो दक्षिणी इटली के सालेंटो प्रायद्वीप में रहते थे, अपनी अनूठी संस्कृति के लिए जाने जाते थे, जिसमें ग्रीक प्रभाव भी शामिल था, खासकर चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के बाद। मैंडुरिया में मिला यह मकबरा, उस समय के मेस्सैपियन अभिजात वर्ग की समृद्धि और भूमध्यसागरीय दुनिया के साथ उनके जुड़ाव का प्रमाण है।
यह पुरातात्विक कार्य इटली के संस्कृति मंत्रालय के पुरातत्व, ललित कला और परिदृश्य अधीक्षक (ABAP) के वैज्ञानिक पर्यवेक्षण में किया गया था। इस परियोजना को एक्वाडोट्टो पुगलिस (AQP) के सहयोग से अंजाम दिया गया, जो सीवेज परियोजना का प्रबंधन कर रहा था। यह सहयोग दर्शाता है कि आधुनिक विकास और विरासत संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं। इस खोज के बाद, मकबरे का एक त्रि-आयामी डिजिटल मॉडल बनाने के लिए फोटोग्रामेट्रिक सर्वेक्षण किया जाएगा, ताकि भविष्य के शोध और संभावित सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए इसका सटीक दस्तावेजीकरण सुनिश्चित हो सके। यह क्षेत्र पहले भी पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण पाया गया है, जहाँ पिछले साल भी इसी तरह के ग्यारह गड्ढे वाले कब्र मिले थे, जो इस क्षेत्र को हेलेनिस्टिक काल का एक महत्वपूर्ण कब्रिस्तान साबित करते हैं।