फरवरी 2024 में, स्कॉटलैंड के ऑर्कनी द्वीप समूह के सैंडे द्वीप पर एक प्राचीन जहाज का मलबा समुद्र के किनारे दिखाई दिया। यह मलबा बाद में 18वीं शताब्दी के युद्धपोत "अर्ल ऑफ चैथम" का था, जिसे पहले "एचएमएस हिंद" के नाम से जाना जाता था।
एचएमएस हिंद एक 24-गन रॉयल नेवी फ्रिगेट था, जो 1749 में इंग्लैंड के चिचेस्टर में निर्मित हुआ था। इस जहाज ने 1750 के दशक में लुइसबर्ग और क्यूबेक की घेराबंदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1770 के दशक में अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध के दौरान ब्रिटिश काफिलों की रक्षा की। 1784 में, इसे रॉयल नेवी से हटा दिया गया और "अर्ल ऑफ चैथम" के नाम से एक आर्कटिक व्हेलिंग जहाज के रूप में परिवर्तित किया गया। एक वर्ष बाद, यह सैंडे द्वीप के पास खराब मौसम के कारण डूब गया, जिसमें सभी 56 चालक दल के सदस्य बच गए।
मलबे की पहचान के लिए डेंड्रोक्रोनोलॉजी का उपयोग किया गया, जिससे यह पुष्टि हुई कि जहाज की लकड़ियाँ 18वीं शताब्दी के मध्य के दक्षिणी इंग्लैंड की हैं। स्थानीय समुदाय ने इस खोज में सक्रिय रूप से भाग लिया, मलबे को समुद्र तट से हटाने और संरक्षण में सहायता की। वर्तमान में, जहाज की लकड़ियाँ सैंडे हेरिटेज सेंटर में संरक्षित हैं, जहाँ उन्हें स्थायी रूप से प्रदर्शित करने की योजना बनाई जा रही है।
यह खोज समुद्र के नीचे छिपे ऐतिहासिक अवशेषों के संरक्षण और अध्ययन में समुदाय की भागीदारी के महत्व को दर्शाती है। साथ ही, यह जलवायु परिवर्तन के कारण तटीय परिवर्तनों के प्रभाव को भी उजागर करती है, जो भविष्य में और अधिक जहाजों के मलबे की खोज की संभावना बढ़ा सकती है।