हाल के शोध से पता चला है कि विलुप्त हो चुके डेनोसोवन से विरासत में मिला एक विशिष्ट जीन वैरिएंट, जिसे MUC19 जीन में पाया गया है, ने अमेरिका में बसने वाले प्रारंभिक मनुष्यों को जीवित रहने का एक महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किया होगा। यह खोज, जो प्रतिष्ठित 'साइंस' पत्रिका में प्रकाशित हुई है, मानव विकास की जटिलताओं और हमारे पूर्वजों द्वारा विभिन्न वातावरणों में जीवित रहने के लिए अपनाए गए तरीकों पर प्रकाश डालती है।
MUC19 जीन श्लेष्मा (mucus) बनाने वाले प्रोटीन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो श्वसन और पाचन तंत्र जैसे ऊतकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। शोधकर्ताओं ने पाया कि डेनोसोवन से प्राप्त MUC19 का यह विशेष वैरिएंट स्वदेशी अमेरिकी आबादी में काफी प्रचलित है। विशेष रूप से, मैक्सिकन मूल के लगभग एक तिहाई लोगों में यह वैरिएंट पाया जाता है, जबकि पेरू की आबादी में यह लगभग 20% और कोलंबियाई व प्यूर्टो रिकान आबादी में लगभग 1% पाया गया है। यह उच्च आवृत्ति इंगित करती है कि इस जीन ने प्राकृतिक चयन के माध्यम से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी।
इस जीन का आधुनिक मनुष्यों तक पहुँचना एक जटिल यात्रा का परिणाम है, जिसमें डेनोसोवन से यह MUC19 वैरिएंट सीधे मनुष्यों में नहीं, बल्कि निएंडरथल के माध्यम से आया। ऐसा प्रतीत होता है कि डेनोसोवन ने पहले निएंडरथल के साथ अंतःप्रजनन किया, और फिर निएंडरथल ने आधुनिक मनुष्यों के साथ मिलकर इस आनुवंशिक सामग्री को आगे बढ़ाया। इसे एक "ओरियो" (Oreo) की तरह वर्णित किया गया है, जहाँ डेनोसोवन डीएनए निएंडरथल डीएनए के बीच में सैंडविच की तरह मौजूद है। यह पहली बार है जब किसी डेनोसोवन जीन के निएंडरथल मध्यस्थ के माध्यम से मनुष्यों में प्रवेश करने का प्रमाण मिला है, जो प्राचीन मानव समूहों के बीच जटिल अंतःक्रियाओं को दर्शाता है।
यह आनुवंशिक अनुकूलन प्रारंभिक मनुष्यों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हुआ होगा जब वे अमेरिका के नए और अज्ञात वातावरण में प्रवेश कर रहे थे। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर और ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, यह वैरिएंट उन्हें नए रोगजनकों से लड़ने और नई पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकता था। ब्राउन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमिलिया हुएर्टा-सांचेज़ का कहना है कि यह खोज दर्शाती है कि कैसे प्राचीन अंतःप्रजनन के प्रभाव आज भी देखे जा सकते हैं, जो मानव विकास में एक "अविश्वसनीय छलांग" का प्रतिनिधित्व करता है और आबादी के भीतर अनुकूलन और लचीलेपन की अद्भुत क्षमता को दर्शाता है।
यह शोध मानव विकास की हमारी समझ को गहरा करता है, यह दिखाते हुए कि कैसे विभिन्न मानव प्रजातियों के बीच हुए संपर्क ने हमारे पूर्वजों को दुनिया भर में फैलने और विभिन्न वातावरणों में पनपने में सक्षम बनाया। प्रारंभिक अमेरिकियों ने न केवल अपने कौशल और ज्ञान का उपयोग किया, बल्कि उन्होंने अपने आनुवंशिक भंडार का भी लाभ उठाया, जो उन्हें अज्ञात का सामना करने और नए प्रदेशों में सफलतापूर्वक बसने के लिए सशक्त बनाता है। यह मानव जाति की अंतर्निहित अनुकूलन क्षमता और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग करके आगे बढ़ने की क्षमता का एक प्रमाण है।