पिछले अड़तालीस घंटों के वैश्विक मौसम संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण से पृथ्वी के पैमाने पर किसी बड़ी, अभूतपूर्व विसंगति की सूचना नहीं मिली है। यह वैश्विक स्थिरता सौर गतिविधि के संतुलित रहने और बड़े उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के विकास में कमी को दर्शाती है, जिससे बाहरी ऊर्जा स्रोत वर्तमान में एक संतुलित अवस्था में हैं। यह शांति हमें आंतरिक संतुलन पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करती है, क्योंकि बाहरी उथल-पुथल शांत है।
हालांकि वैश्विक स्तर पर शांति बनी हुई है, क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण गतिविधियाँ जारी हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दाब क्षेत्र सक्रिय है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मौसम प्रभावित हो रहा है। छत्तीसगढ़ में इस निम्नदाब के प्रभाव से अगले 48 घंटों तक, यानी 21, 22 और 23 अक्टूबर को, हल्की से मध्यम वर्षा और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
मध्य प्रदेश में भी मौसम का मिजाज बदल गया है, जहां पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, और 21 अक्टूबर के आसपास हल्की वर्षा की उम्मीद है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इस क्षेत्रीय वर्षा के बाद नवंबर में ठंड बढ़ने के संकेत हैं, क्योंकि रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
इसके अतिरिक्त, विशेषज्ञों ने त्योहारों के मौसम, जैसे दिवाली, के आसपास पराली जलाने और पटाखों के उपयोग से प्रदूषण स्तर बढ़ने की चिंता व्यक्त की है। हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, फिर भी सामूहिक कार्यों का सीधा असर परिवेश की गुणवत्ता पर पड़ता है। यह स्थानीय घटनाएँ प्रकृति के निरंतर समायोजन को दर्शाती हैं, जिन्हें भय के बजाय संतुलन की प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए।