हाल के दिनों में सूर्य की गतिविधियों में एक असामान्य वृद्धि देखी गई है, जिसके कारण भू-चुंबकीय तूफान अधिक तीव्रता से पृथ्वी के चुंबकत्व को प्रभावित कर रहे हैं। यह अप्रत्याशित उछाल वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह उपग्रह संचार और बिजली ग्रिड जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियों में व्यवधान पैदा कर सकता है। वर्तमान सौर चक्र की गतिविधियाँ मौजूदा मॉडलों द्वारा पूरी तरह से अनुमानित नहीं की गई हैं, जो अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान के लिए एक अनूठी चुनौती पेश करती हैं। वैज्ञानिक इन तीव्र सौर घटनाओं के पीछे के कारणों को समझने के लिए गहन शोध कर रहे हैं।
इस चुनौती का सामना करने के लिए, नासा और आईबीएम ने मिलकर 'सूर्या' नामक एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल विकसित किया है। यह मॉडल सौर ज्वालाओं की भविष्यवाणी में 16% तक की सटीकता प्रदान करता है और दो घंटे पहले तक चेतावनी दे सकता है। सूर्या मॉडल नासा के सोलर डायनामिक्स ऑब्जर्वेटरी से प्राप्त डेटा का उपयोग करता है और इसे वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लाभ के लिए ओपन-सोर्स के रूप में उपलब्ध कराया गया है।
सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) जैसी घटनाएं पृथ्वी के आयनमंडल को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे रेडियो तरंगों में हस्तक्षेप हो सकता है और जीपीएस जैसे नेविगेशन सिस्टम में त्रुटियां आ सकती हैं। इतिहास गवाह है कि ऐसी घटनाओं के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 1989 में क्यूबेक में आई एक सौर तूफान ने नौ घंटे के लिए बिजली गुल कर दी थी, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए थे। इसी तरह, मई 2024 में एक शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफान ने व्यापक ऑरोरा प्रदर्शित किए थे और जीपीएस सेवाओं को बाधित किया था, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ था। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि हमारी आधुनिक तकनीकें सौर गतिविधि के प्रति कितनी संवेदनशील हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर चक्र 25, जो दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था और लगभग 2030 तक जारी रहने की उम्मीद है, अपेक्षा से अधिक सक्रिय रहा है। कुछ शोधकर्ता सेंटेनियल ग्लेसबर्ग साइकिल (CGC) नामक एक छिपे हुए 100-वर्षीय सौर चक्र के प्रभाव की ओर इशारा कर रहे हैं, जो आने वाले दशकों में सौर गतिविधि को और बढ़ा सकता है, हालांकि इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
हालांकि इन घटनाओं का पृथ्वी के मौसम पर तत्काल प्रभाव न्यूनतम है, लेकिन ऐसी शक्तिशाली सौर उत्सर्जन के दीर्घकालिक प्रभावों पर वैज्ञानिक जांच जारी है। वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय डेटा साझा करने और पूर्वानुमान क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम कर रहा है। यह सहयोग हमें अंतरिक्ष मौसम की चुनौतियों का सामना करने और अपनी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।