माउंट एटना का निरंतर विस्फोट: दक्षिणपूर्वी क्रेटर से गतिविधि जारी

द्वारा संपादित: Tetiana Martynovska 17

यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी, माउंट एटना में विस्फोट जारी है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, दक्षिणपूर्वी क्रेटर पर स्ट्रोमबोलियन गतिविधि देखी जा रही है, जिसमें पाइरोक्लास्टिक सामग्री को क्रेटर रिम से बाहर फेंका जा रहा है। इसके साथ ही, एक अन्य वेंट से एफ्यूसिव गतिविधि हो रही है, जिससे एक लावा प्रवाह दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह लावा प्रवाह लगभग 3,200 मीटर की ऊंचाई से निकल रहा है, और एक अन्य वेंट से भी लावा निकल रहा है जिसका प्रवाह 2,500 मीटर तक पहुंच गया है।

ज्वालामुखी की गतिविधियों पर नजर रखने वाले सीस्मिक मॉनिटरिंग सिस्टम ने पिछले 24 घंटों में ज्वालामुखी के कंपन (volcanic tremor) के औसत आयाम में वृद्धि दर्ज की है, जिसमें महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। इस कंपन का स्रोत दक्षिणपूर्वी क्रेटर के नीचे, समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की गहराई पर स्थित है। यह निरंतर गतिविधि माउंट एटना की सक्रिय प्रकृति को दर्शाती है, जो सिसिली द्वीप पर स्थित है और इसका एक लंबा भूवैज्ञानिक इतिहास रहा है।

माउंट एटना, जो यूरोप का सबसे ऊंचा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है, अपनी निरंतर गतिविधि के लिए जाना जाता है। इसके शिखर पर कई सक्रिय क्रेटर हैं, जिनमें नॉर्थईस्ट क्रेटर, वोरागिन, बोका नुओवा और दक्षिणपूर्वी क्रेटर शामिल हैं। दक्षिणपूर्वी क्रेटर विशेष रूप से हाल के वर्षों में सबसे अधिक सक्रिय रहा है, जिसने कई बार लावा फव्वारे और राख के उत्सर्जन जैसी घटनाएं देखी हैं। 2021 में, दक्षिणपूर्वी क्रेटर से निकलने वाले लावा फव्वारे 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचे थे, जो हाल के दशकों में सबसे ऊंचे देखे गए थे।

ज्वालामुखी की गतिविधियों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक, जैसे कि इटली के राष्ट्रीय भूभौतिकी और ज्वालामुखी विज्ञान संस्थान (INGV) के विशेषज्ञ, लगातार माउंट एटना की निगरानी करते हैं। वे सीस्मिक डेटा, गैस उत्सर्जन और जमीन के विरूपण (ground deformation) का विश्लेषण करके ज्वालामुखी के व्यवहार को समझने का प्रयास करते हैं। यह निरंतर निगरानी न केवल वैज्ञानिक समझ को बढ़ाती है, बल्कि स्थानीय समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। माउंट एटना की यह वर्तमान गतिविधि, जो एफ्यूसिव और स्ट्रोमबोलियन विस्फोटों का मिश्रण है, इस शक्तिशाली भूवैज्ञानिक संरचना की गतिशील प्रकृति का एक और प्रमाण है।

स्रोतों

  • Adnkronos

  • Copernicus Sentinel-2 imagery of Mount Etna's eruption on 2 June 2025

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